बेटी करेगी ससुराल में राज, शादी में दें ये उपहार!

punjabkesari.in Saturday, Feb 06, 2016 - 08:32 AM (IST)

बेटी जब मां की कोख से अवतरीत होती है तो पिता की किस्मत लेकर आती है और पराया धन कहलाती है क्योंकि शास्त्र भी यही कहते हैं जैसे लक्ष्मी कभी किसी एक की नहीं हो सकती उसी प्रकार पुत्री भी किसी एक के घर जन्म लेकर किसी दूसरे घर जाकर उसका जीवन उज्जवल करती है। इसी कारण वो पराया धन कहलाती है। भारतीय संस्कृति में पुत्री को आज भी धन माना जाता है और पुत्र को रत्न इसी कारण पुत्र को रत्न समझकर अंगुठी के रूप में अपने साथ रखा जाता है और पुत्री को धन मान कर सुयोग्य वर को कन्या दान किया जाता है। शास्त्रों में कन्यादान को महादान बताया गया है।

 

ज्योतिष शास्त्र के कालपुरूष सिद्धांत अनुसार व्यक्ति की कुण्डली का पंचवां भाव पुत्री को संबोधित करता है तथा वैदिक ज्योतिष की वर्ग तकनीक अनुसार सांतवां वर्ग अर्थात सपतांश पुत्री और पुत्री की स्थिती को निर्धारित करता है। इसके साथ-साथ पंचमेश का बल, फल और उसकी कलांश निर्धारित करती है की पुत्री का भावी जीवन कैसा होगा। पंचम भाव में क्रूर ग्रह का बैठना या क्रूर ग्रह की दृष्टि अथवा पंचमेश का नीच होकर वेधा स्थान में बैठना या सप्तमांश वर्ग कुण्डली में पंचम भाव या पंचमेश का पीड़ीत होना आपकी पुत्री का भावी जीवन खराब कर सकता है।

 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अपनी पुत्री को विवाह के समय कुछ ऐसा दान दिया जाए जिससे उसका भावी जीवन हरा-भरा रहे और वो रानी की तरह अपने ससुराल में अपना राज्य स्थापित कर सके। शादी के समय पुत्री को ये चीजें उपहार स्वरूप दें।

* डबल बैड का पंलग

* बिना जोड़े वाला डबल बैड वाला गद्दा

* हाथ का पंखा

* डिनर सैट

* कमर बंद

* नाक की नथ

* पांव की बिछिया

* पायल

* श्रीफल

आचार्य कमल नंदलाल

ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com  


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