'चीन में मच सकती है उथल-पुथल, रूस की तरह बिखरने के आसार'

punjabkesari.in Thursday, Nov 16, 2017 - 02:53 PM (IST)

बीजिंगः चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य यांग शिआओडू ने कहा है कि अगर  यहां भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में विफलता मिलती है, तो यह देश के लिए बेहद घातक साबित होगा। चीन के सरकारी अखबार 'पीपुल्स डेली' में बुधवार को लिखे संपादकीय लेख में उन्होंने कहा कि यदि इस पर लगाम नहीं लगाई गया, तो इसका अंजाम भी सोवियत संघ रूस जैसा हो सकता है। शिआओडू   'सैंट्रल कमीशन फॉर डिसिप्लिन इंस्पैक्शन' के डिप्टी सेक्रेटरी से पदोन्नत होकर पोलित ब्यूरो सदस्य बने हैं। उनको भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में शामिल देश का दूसरे नंबर का शीर्ष अधिकारी माना जाता है। पोलित ब्यूरो के सदस्यों का देश की सत्ता में पूरा नियंत्रण होता है।

शिआओडू ने अपने लेख में पिछली सरकार की कड़ी आलोचना भी की है। उन्होंने कहा है कि पिछले शासनकाल में भ्रष्टाचार इस हद तक बढ़ गया था कि पार्टी का नेतृत्व कमजोर पड़ गया। इस दौरान निरीक्षण बेहद कमजोर रहा और विचारधारा बेपरवाह रही।  नरमी बरती गई और कार्रवाई करने में किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई।शिआओडू से पहले शनिवार को एंटी-करप्शन के नए प्रमुख झाओ लेजी ने चीनी अखबार पीपुल्स डेली के संपादकीय में भ्रष्टाचार को लेकर इसी तरह का लेख लिखा था। लेजी को वांग किशान की जगह एंटी-करप्शन का नया प्रमुख बनाया गया है।

लेख में शिआओडू ने कहा कि अगर चीन में भ्रष्टाचार को खत्म नहीं किया गया, तो देश का स्वरूप ही बदल जाएगा और यह बर्बाद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लगाया गया, तो भविष्य में देश के लोगों को सोवियत संघ की तरह तबाही देखने को मिलेगी। भ्रष्टाचार के चलते देश उसी तरह से ढह जाएगा। उल्लेखनीय है कि पिछली सदी के आखिरी दशक में सोवियत संघ का विघटन हो गया था। शिआओडू ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी अपने पूर्ववर्तियों की तरह मानते हैं कि अगर सत्ता पर पकड़ ढीली हुई, तो देश में उथल-पुथल मच सकती है।

इससे देश बिखर भी सकता है। यही वजह से चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी हमेशा अपने कैडर से सोवियत संघ के विघटन का अध्ययन करने को कहती है। शिआओडू ने संकेत दिया कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग के दाहिने हाथ माने जाने वाले वांग किशान के जाने के बाद भी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कमजोर नहीं होगी। पिछले महीने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी में हुए बदलाव से पहले वांग को चीन का दूसरा सबसे शक्तिशाली नेता माना जाता था। उनको पिछले महीने ही एंटी-करप्शन के प्रमुख के पद से हटाया गया था। 

  


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