इस सिख कपल एजेंसी की सलाह- गोरा बच्चा नहीं ले सकते गोद , चाहिए तो भारत जाओ

punjabkesari.in Tuesday, Jun 27, 2017 - 06:50 PM (IST)

लंदन: ब्रिटेन में एक सिख दंपति ने आरोप लगाया है कि उनकी सांस्कृतिक विरासत की वजह से उन्हें श्वेत बच्चे को गोद लेने की अनुमति देने से मना कर दिया गया और इसकी बजाय उनसे भारत से बच्चे को गोद लेने को कहा गया।  द टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन में जन्मे बर्कशायर के व्यापारिक पेशेवर संदीप और रीना मंदर ने बताया कि उनसे इस आधार पर दत्तक माता पिता बनने के लिये आवेदन नहीं देने को कहा गया क्योंकि श्वेत ब्रिटिश या यूरोपीय आवेदकों को तरजीह दी जाएगी। 

दंपति ने एडॉप्ट बर्कशायर एडॉप्शन एजेंसी से कहा था कि उन्हें किसी भी जातीय पृष्ठभूमि के बच्चे को गोद लेकर खुशी होगी लेकिन संभावित माता पिता बनने के उनके अनुरोध को इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि सिर्फ श्वेत बच्चे उपलब्ध हैं।  मंदर दंपति ने दावा किया कि उनसे इसकी बजाय भारत से किसी बच्चे को गोद लेने को कहा। 

एडॉप्शन एजेंसियों को नस्ल के आधार पर प्राथमिकता देने की अनुमति है ताकि समान जातीय पृष्ठभूमि वाले संभावित मातापिता को बच्चे को सौंपा जा सके। लेकिन, सरकार ने यह भी कहा है कि किसी बच्चे की जातीयता गोद लेने की राह में बाधा नहीं होनी चाहिये। मंदर दंपति के मुद्दे को प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने उनका सांसद होने के नाते ने उठाया है। दंपत्ति मामले को अदालत ले जाएगा। वे स्लो काउन्टी अदालत में आवेदन कर रहे हैं, जिसमें इस बात को घोषित करने की मांग की जाएगी कि नीति को उन्हें गोद लेने की अनुमति देनी चाहिए। उनके मामले की पैरवी लॉ फर्म मैकएलिस्टर आेलिवैरियस कर रही है और उनके मामले का समर्थन इक्वैलिटी एंड ह्यूमन राइट्स कमीशन कर रहा है।  


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