इस हसीना ने ली 50 हजार लोगों की जान, अपनी मौत से पहले दिया फ्लाईंग किस (pics)
punjabkesari.in Tuesday, Oct 17, 2017 - 11:14 AM (IST)
पेरिस: अक्सर औरतों के हुस्न और कातिलाना अंदाज की चर्चा की जाती है लेकिन क्या कोई सोच सकता है कि ये खूबसूरती 50 हजार लोगों के मौत की वजह भी बन सकती है। लेकिन वास्तव में खूबसूरती कितनी खतरनाक हो सकती है इसका बड़ा उदाहरण इतिहास की एक घटना में दर्ज है, जहां एक औरत पूरे 50 हजार लोगों के मौत की वजह बनी और इस जुर्म में जब उसे सजाए मौत मिली तो उसे मौत का खौफ नही था बल्कि उसने अपने सामने गोलियां दागने को तैयार जवानों को आंखों में आंखें डालकर फ्लाइंग किस किया था।
ये थी जासूसी की दुनिया में सबसे मशहूर बला की खूबसूरत हसीना मार्गरेट गीर्तोईदा जेले जिसने पुरुषों को अपने हुस्न का दीवाना बनाकर मौत के घाट उतारा था। जेले को माता हरी के नाम से भी जाना जाता है। उस पर जर्मनी के लिए जासूसी करने का भी आरोप था। माता हरी के कई प्रभावशाली व्यक्तियों से संबंध थे। जेले या माता हरी एक एक बेहतरीन डांसर थी। फर्स्ट वर्ल्ड वार के दौरान वह पेरिस में एक डांसर और स्ट्रिपर के रूप में मशहूर थीं। उनके डांस को देखने के लिए राजनीति और सेना के बड़े नामी लोग आया करते थे।
यह वह दौर था जब माता हरी ने एक देश की सीक्रेट इफोर्मेशन को इधर से उधर करने का काम शुरू किया था।अपनी अदाओं के जरिए उसके लिए यह काम धीरे-धीरे आसान होता चला गया। जर्मन के प्रिंस समेत कई प्रभावशाली लोगों के साथ माता हरी के संबंध थे। माता हरी की शादी इंडोनेशिया में तैनात नीदरलैंड की शाही सेना के एक अधिकारी से हुई थी। शादी के बाद इन दोनों ने कुछ समय जावा में गुजारा। यहां पर वह एक डांस कंपनी में शामिल हो गईं और अपना एक नया नाम रखा माता हारी। 1907 में हारी ने नीदरलैंड्स लौटने के बाद अपने पति को तलाक दे दिया और पेशेवर डांसर के रूप में पेरिस चली गईं। यहां पर उसकी मादक अदाओं के किस्से हर किसी की जुबान पर थे। इसी दौरान फ्रांस की सरकार ने माता हरी को पैसों के बदले जासूसी करने के लिए राजी किया था।
फर्स्ट वर्ल्ड वार में हरी के जरिए फ्रांस ने जर्मनी की कई सीक्रेट इंफोर्मेशन को हासिल किया था। यहां से ही हरी की पैसे की भूख इस कदर बढ़ी तो उसने जासूसी के पेशे में डबल स्टैंडर्ड का गेम शुरू कर दिया। एक तरफ जहां वह फ्रांस की खबर जर्मनी को देती वहीं जर्मनी की खबर फ्रांस को देती थी। इसकी जानकारी बाद में फ्रांस के सीक्रेट डिपार्टमैंट को लग गई। सन् 1917 में फ्रांस में माता हारी को अरेस्ट किया गया। फ्रांसीसी सेना ने उसके खिलाफ जो सुबूत पेश किए उसमें स्पेन की राजधानी मैड्रिड से जर्मनी की राजधानी बर्लिन भेजे जा रहे कुछ सीक्रेट्स भी थे। उसे 50 हजार लोगों के मौत का जिम्मेदार ठहराया गया और 15 अक्तूबर, 1917 में गोलियों से भूनकर मौत की सजा दी गई उस वक्त वह 41 वर्ष की थी।
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