अमरीका-रूस के बीच फिर तनाव,शुरू हुआ डिजीटल युद्ध

punjabkesari.in Sunday, Feb 18, 2018 - 01:42 PM (IST)

वॉशिंगटनः अमरीका और रूस के बीच एक बार फिर तन गई है । इस बार दोनों देशों के बीच शीत युद्ध शुरू हो गया है वो भी डिजीटल अंदाज में । हालांकि इस पृष्ठभूमि में अब भी इंसान ही हैं, लेकिन एजैंट्स के स्थान पर अब bots (इसके जरिए कृत्रिम तरीके से ट्वीट किए जाते हैं, जो फर्जी होते हैं) ने ले ली है। रूसी केजीबी एजैंट्स की जगह इंटरनैट रिसर्च एजांसी (आईआरए) है।

अमरीका की संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने 2016 के अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव में कथित हस्तक्षेप के लिए रूस के 13 नागरिकों और 3 कंपनियों पर आरोप तय किए हैं। शुक्रवार को विशेष अभियोजक रॉबर्ट मुलर ने अमरीका से धोखाधड़ी, तकनीक के जरिए धोखाधड़ी करने, बैंक धोखाधड़ी, किसी और की पहचान का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी करने जैसे आरोप तय किए गए हैं। अमरीका ने मुख्य रूप से इंटरनैट रिसर्च एजैंसी पर निशाना साधा है। इसे 'ट्रोल फार्म' कहा गया है। आरोप में कहा गया है कि रूस के सेंट पीटर्सबर्ग से संचालित इस एजैंसी ने सोशल मीडिया पर हिलरी क्लिंटन के खिलाफ और ट्रंप के पक्ष में जाली पोस्ट करवाकर चुनावों को प्रभावित करने का काम किया। 

इस आरोपपत्र में यह कहा गया है कि आईआरए एक सुसंगठित संस्था है जिसका सालाना बजट लाखों डॉलर है। यह सैकड़ों की संख्या में लोगों को नौकरी पर रखती है। इसके कई विभाग हैं जो इंटरनैट पर अलग-अलग क्षेत्रों में काम करते हैं। कई डिपार्टमैंट सिर्फ सर्च-इंजन ऑप्टिमाइजेशन और ग्राफिक्स का काम करते हैं। जांचकर्ताओं की पहुंच आईआरए की ऐसी ही एक सदस्य के मेल तक पहुंची।

मुलजिम इरिना कावेरजिन ने अपने एक परिवार के सदस्य को ईमेल पर लिखा, 'मैंने ये सभी तस्वीरें और पोस्ट तैयार कीं और अमरीकियों को लगा कि यह उनके लोगों ने लिखी हैं।' आरोपों में यह भी सामने आया है कि अमरीकी में रह रहे रूसी नागरिकों ने अहम राज्यों में कैसे ट्रंप के पक्ष में माहौल तैयार किया। साजिशकर्ताओं ने आईआरए को भेजे एक आंतरिक संदेश में यहां तक कहा कि वे 'पॉलिटिक्स इन द यूएसए' पर फोकस करते हुए ऑनलाइन कॉन्टेंट पोस्ट करें। इन पोस्ट के जरिए हिलरी की आलोचना करने की बात कही गई। 
 


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