सैक्स एजुकेशन को लेकर नाइजीरिया में बवाल, 2 हिस्सों में बंटा देश
punjabkesari.in Tuesday, Aug 22, 2017 - 06:56 PM (IST)
अबुजाः स्कूलों में सैक्स एजुकेशन दिए जाने का भारत में ही विरोध और आलोचनाएं नहीं होतीं इस मुद्दे पर नाइजीरिया भी 2 हिस्सों में बंट गया है कॉम्प्रिहेन्सिव सैक्स एजुकेशन (CSE) करिकुलम को स्कूल में शुरू करने पर नाइजीरिया में बवाल मचा हुआ है। पश्चिम अफ्रीका विश्व के सबसे धार्मिक देशों में से एक है। 186 मिलियन लोगों के इस देश में ईसाई और मुस्लिम बहुलता में हैं।
300 से अधिक जनजातियों वाले इस देश को रूढ़िवादी देश समझा जाता है। दुनिया के कुछ विकासशील देशों के बीच बेसिक स्कूलों में कॉम्प्रिहेन्सिव सैक्स एजुकेशन (CSE) को शुरू करने के लिए UNESCO ने नाइजीरिया को सराहा भी था। नाइजीरिया के CSE करिकुलम में एचआईवी एजुकेशन और टीनऐज प्रेग्नेंसी और यौन हिंसा शामिल है। इसका उद्देश्य बच्चों को उनके शरीर और उसकी क्रियाओं के बारे में जानकारी देना है। सरकारी और प्राइवेट प्राइमरी और सैकेंडरी स्कूलों में बच्चों की पाठ्य पुस्तकों में सैक्स एजुकेशन से संबंधित विषय शामिल हैं। इन बच्चों की उम्र 8 से 15 साल है।
एक वेबसाइट के अनुसार, जूनियर सैकेंडरी स्कूल (JSS 1) की सोशल स्टडीज पाठ्य पुस्तक के पेज नंबर 50 में लिखे कॉन्टेंट की कड़ी निंदा हो रही है। किताब में 'सैक्शुअल प्लईयर पाने और देने और सैक्शुअल इंटरकोर्स के बिना क्लोजनेस डिवेलप करने' जैसे शीर्षकों पर कॉन्टेंट लिखा गया है। 'चुंबन, गले लगाना और म्युचुअल मास्टरबेशन' जैसे विषयों पर भी में पाठ्य पुस्तकों में लिखा गया है। इन्हीं कारणों से नाइजीरिया में विवाद छिड़ गया है।
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