इस तस्वीर ने बदल दी फोटोग्राफी की दुनिया, सच्चाई कर देगी हैरान !

punjabkesari.in Sunday, Aug 20, 2017 - 05:44 PM (IST)

कैलिफोर्नियाः हर व्यक्ति जिंदगी में अच्छे पल यादें संजो कर रखना चाहता है और उन पलों को कैद करने के लिए आजकल हरेक के पास मोबाइल फोन है। मोबाइल ने लोगों की जिंदगी को कितना आसान कर दिया है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब फोटो या वीडियो बनाने के लिए स्पैशल कैमरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।   मोबाइल कैम के चलते लोगों ने रील कैमरों को बाय-बाय कह दिया। यहां तक कि डिडीटल कैमरों की सेल में बड़ी गिरावट का कारण भी मोबाइल बन रहे हैं।  
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1997 में कैलिफोर्निया के सॉफ्टवेयर इंजीनियर फिलिप कान मैटरनिटी वार्ड में अपने बच्चे के पैदा होने का इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान बोरियत में उन्हें आइडिया आया कि क्यों न बच्चे का जन्म होते ही उसकी फोटो तुरंत अपनी फैमिली और दोस्तों से शेयर की जाए। इस सोंच के साथ कान ने प्रयोग के तौर पर  अपने सेलफोन को डिजीटल कैमरे से जोड़ने के लिए कुछ प्रोग्रामिंग तैयार की। कान की मेहनत से कुछ ही देर में एक ऐसा डिवाइस तैयार हो गया जिससे फोटोज तुरंत कैप्चर कर के शेयर की जा सकती थीं।  कान ने हॉस्पिटल में इस डिवाइस का इस्तेमाल करके चंद मिनटों में ही अपनी बेटी की फोटो करीब 2 हजार लोगों के साथ शेयर की।
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कान को अंदाजा हो चुका था कि इस तरह की टैक्नोलॉजी दुनिया में रेवोल्यूशन ला सकती है  इसलिए उन्होंने इस डिवाइस के प्रोटोटाइप पर काम करना शुरू किया। 2000 में जापान की शार्प कंपनी ने कान की इसी टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके पहला कैमरा फोन मार्कीट में लॉंच किया। इसके कुछ ही सालों बाद ये फोन अमरीका में भी लाॅंच हुआ और धीरे-धीरे इन कैमरा मोबाइल्स ने पूरी दुनिया में डिजीटल कैमरों की जगह ले ली। कान के इस अविष्कार ने फोटोग्राफी की दुनिया को हमेशा के लिए बदल दिया। ये अविष्कारकम्युनिकेशन सैक्टर में एक बड़े रेवोल्यूशन के तौर पर देखा जाता है। स्मार्टफोन का आधार भी इसी इन्वेंशन को माना जाता है।  इंस्टाग्राम, फेसबुक, स्नैपचैट जैसी कई मोबाइल एप फोटो शेयरिंग की इस टेक्नोलॉजी पर चल रही हैं।

 


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