PAK ने चीन के लिए वीजा नियम किए सख्त

punjabkesari.in Thursday, Jun 22, 2017 - 01:34 PM (IST)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने चीन के लिए अपने वीजा नियमों को सख्त करने का फैसला लिया है। ये फैसला हाल ही में पाकिस्तान में शक के आधार पर हुई दो चीनी नागरिकों की मौत को लेकर किया गया है। पाकिस्तान में व्यापार वीजा पर आए चीन के दो नागरिकों की हत्या के बाद पाक ने कहा है कि वह चीन के नागरिकों के लिए वर्तमान की 'उदार ' नीति में कमियों को दूर करने के लिए अपनी वीजा नीति की समीक्षा करेगा। 


चीनी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और वीजा खामियों को दूर करने के लिए यह कदम उठाया गया 
पाक ने चीन के लिए अपने वीजा नियमों को और सख्त करते हुए कुछ जरुरी शर्तों को जारी करने के लिए अपने नियमों की समीक्षा की है जिससे वीजा प्रकिया में निष्पक्षता लाई जाएगी ताकि किसी भी तरह से दोनों देशों के लोगों को आवागमन में कोई परेशानी न हो और चीनी नागरिक इसका गलत इस्तेमाल न कर सके ।  पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक चीनी नागरिक को बिजनेस वीजा हासिल करने के लिए चीन स्थित पाकिस्तानी मिशन के किसी मान्यता प्राप्त संगठन का आमंत्रण प्रस्तुत करना होगा। पाकिस्तानी गृह मंत्रालय ने चीन के नागरिकों के लंबी अवधि के वीजा की सीमा नहीं बढ़ाने का भी फैसला लिया है। पाकिस्तानी गृह मंत्री निसार अली खान ने कहा कि देश में चीनी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और वीजा खामियों को दूर करने के लिए यह कदम उठाया गया है। बुधवार को विभिन्न मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद उन्होंने इसका ऐलान किया। गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान को बताया गया था कि जिन चीनी नागरिकों की हत्या की गई है वे पादरी थे और उस दल का हिस्सा थे जो व्यापार वीजा पर पाकिस्तान आए थे। इसके बाद यह निर्णय लिया गया है।  


चीन के नागरिकों ली जिंग यांग(24)और मेंग ली सी(26)का बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा में 24 मई को आतंकी संगठन आईएसआईएस ने अपहरण कर हत्या कर दी थी। गृह मंत्रालय के बयान में कहा गया,यह निर्णय वीजा प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के साथ ही दोनों देशों के बीच जो वीजा अनुकूल माहौल है उसके दुरूपयोग को रोकने के लिए किया गया है। अधिकारियों के अनुसार चीन के जिन नागरिकों की हत्या की गई है वे व्यापार वीजा का दुरूपयोग कर रहे थे। पाकिस्तान का कहना है कि इन चीनी नागरिकों ने वीजा नियमों का उल्लंघन किया था और ये दोनों  वीजा बिजनेस पर पाकिस्तान पहुंचकर ईसाई धर्म का प्रचार कर रहे थे।


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