चीन-पाक का मोहरा है उत्तर कोरिया, दुनिया की महाशक्ति पर लगा दांव !

punjabkesari.in Tuesday, Sep 05, 2017 - 12:58 PM (IST)

वॉशिंगटनः उत्तर कोरिया के सनकी किंग किम जोंग उन की हरकतों से सारी दुनिया हैरान-परेशान है। ताजा घटनाक्रम में वैश्विक खतरों को नजरअंदाज करते हुए  किम ने हाइड्रोजन बम का परीक्षण कर जहां अमरीका, जापान और भारत समेत दुनिया के अनेक देशों को चौंका दिया है वहीं तीसरे विश्वयुद्ध के घंटी भी बजा दी है। उसने दावा किया है कि उसका यह छठा परमाणु परीक्षण पांचवें परीक्षण से छह गुना शक्तिशाली है। जब इसका समुद्र में परीक्षण किया गया तब जापान में भूकंप के झटके अनुभव किए गए। उसकी रिएक्टर पैमाने पर तीव्रता 6.3 आंकी गई।  उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी  का दावा  है कि  यह हाइड्रोजन बम बड़े पैमाने पर तबाही मचा सकता है।

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दुनिया के मानचित्र पर बेशक उत्तर कोरिया छोटा देश है और कई बड़े देश  उसे स्वतंत्र देश के रूप में मानते ही नहीं हैं किंतु वह लगातार परमाणु विस्फोट और नई-नई मिसाइलों का परीक्षण करके अमरीका जैसे ताकतवर देश को भी धमकाता रहता है। जिस कारण कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव की स्थिति बनी रहती है। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि उत्तर कोरिया की हरकतें अमरीका के लिए खतरनाक और शत्रुतापूर्ण लग रही हैं। वे रक्षा सलाहकारों के साथ बैठक कर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने की तैयारी में हैं।’

उत्तर कोरिया की इन हरकतों की वजह से अमरीका और जापान करीब आ गए हैं  हालांकि अमरीका ही वह देश है जिसने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान पर परमाणु हमला किया था। इस समय अमरीका के दबाव से तंग चीन और पाकिस्तान देश उत्तर कोरिया को मोहरा बनाकर परमाणु परीक्षणों के लिए उकसाने का काम कर रहे हैं ताकि अप्रत्यक्ष रूप से वे अमरीका की को बर्बाद कर सकें। ये भी तय है कि भविष्य में 2  देशों के बीच हुए युद्ध की परिणति यदि विश्वयुद्ध में बदलती है और परमाणु हमले होते हैं तो हालात कल्पना से कहीं अधिक भयावह  होंगे।

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पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इस भयावहता का अनुभव कर लिया था, इसीलिए उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में आणविक अस्त्रों के समूल नाश का प्रस्ताव रखा था। लेकिन परमाणु महाशक्तियों ने इस प्रस्ताव में कोई रुचि नहीं दिखाई, क्योंकि परमाणु प्रभुत्व में ही उनकी वीटो-शक्ति अंतरनिहित है। अब तो परमाणु शक्ति संपन्न देश कई देशों से असैन्य परमाणु समझौते करके यूरेनियम का व्यापार कर रहे हैं। परमाणु ऊर्जा और स्वास्थ्य सेवा की ओट में ही कई देश परमाणु-शक्ति से संपन्न हुए हैं और हथियारों का जखीरा जमा करते चले जा रहे हैं।

दुनिया में फिलहाल 9 परमाणु शक्ति संपन्न देशों अमरीका, रूस, फ्रांस, चीन, ब्रिटेन, भारत, पाकिस्तान, इजरायल और उत्तर कोरिया में से अमरीका, रूस, फ्रांस, चीन और ब्रिटेन के पास परमाणु बमों का इतना बड़ा भंडार है कि वे दुनिया को कई बार तबाह कर सकते हैं। हालांकि ये पांचों देश परमाणु अप्रसार संधि में भी शामिल हैं। इस संधि का मुख्य उद्देश्य परमाणु हथियार व इसके निर्माण की तकनीक को प्रतिबंधित बनाए रखना है लेकिन ये देश इस मकसद की पूर्ति में सफल नहीं रहे हैं। पाकिस्तान ने ही तस्करी के जरिए उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार निर्माण तकनीक हस्तांतरित की और वह आज परमाणु शक्ति संपन्न नया देश बन गया है।  


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