नेपाल चुनावः 89 संसदीय सीटों के परिणाम घोषित, 72 पर वामपंथी जीते

punjabkesari.in Sunday, Dec 10, 2017 - 04:25 PM (IST)

काठमांडूः नेपाल संसदीय चुनाव में शनिवार को घोषित 89 में से 72सीटों पर वामपंथी पार्टियां सफल रहीं, जबकि कांग्रेस के खाते में केवल 10 सीटें आईं हैं। नेपाल चुनाव आयोग द्वारा घोषित परिणाम के अनुसार नेपाल संसदीय चुनाव में  वामपंथी गठबंधन तेजी से बहुमत की ओर बढ़ रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री के पी ओली के नेतृत्व वाली नेकपा-एमाले और पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड के नेतृत्व वाली नेकपा माओवादी ने प्रांतीय और संसदीय चुनावों के लिए गठबंधन बनाया था। लोगों को उम्मीद है कि इस चुनाव के नतीजे से हिमालय की गोद में बसे नेपाल में राजनीतिक स्थिरता आएगी।

चुनाव आयोग से जारी परिणाम के अनुसार नेकपा-एमाले ने 51 सीटें जीती हैं जबकि उसके सहयोगी नेकपा-माओवादी केन्द्र ने 21 सीटों पर जीत दर्ज की है। पिछले चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने वाली सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस को सिर्फ 10 सीटें मिली हैं। दो मधेसी पार्टियों को दो सीटों पर जीत हासिल हुई है। पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टाराई के नेतृत्व वाली नया शक्ति पार्टी ने एक सीट पर जीत दर्ज की है। वहीं एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली है। बची हुए 76 सीटों के लिए मतों की गणना चल रही है। अभी तक 89 संसदीय सीटों के परिणाम घोषित किए जा चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल और बाबूराम भट्टराई चुनाव जीत गए हैं। सीपीएन-यूएमएल के नेता माधव काठमांडू-2 से और नया शक्ति पार्टी के अध्यक्ष बाबूराम भट्टराई गोरखा-2 से विजयी हुए हैं।
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संघीय समाजवादी मोर्चा नेपाल के अध्यक्ष उपेंद्र यादव सप्तरी-2 से चुने गए हैं। नेपाल में सीधे मतदान प्रणाली के तहत संसद की कुल 165 और प्रांतीय विधानसभा की 330 सीटों के लिए मतदान कराया गया है। प्रांतीय विधानसभा में सीपीएन-यूएमएल ने 27, माओवादी सेंटर ने 19, नेपाली कांग्रेस ने छह, नया शक्ति पार्टी और निर्दलीय ने एक सीट पर सफलता पाई है। संसदीय चुनाव में कुल 1,663 प्रत्याशी जबकि प्रांतीय विधानसभा में कुल 2819 प्रत्याशियों ने भाग्य आजमाया है।

नेपाल के  दो चरणों वाले संसदीय एवं विधानसभा चुनावों की वोटिंग 26 नवंबर और 7 दिसंबर को हुए थे। इस चुनाव के तहत संसद के 128 और विधानसभाओं के कुल 256 सदस्य चुने जाने हैं। प्रतिनिधि सभा में 275 सदस्य होते हैं जिनमें से 165 फर्स्ट पास्ट दा पोस्ट प्रणाली के जरिए चुने जाएंगे जबकि शेष 110 आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के जरिए आएंगे। फर्स्ट पास्ट दा पोस्ट प्रणाली के तहत किसी सीट पर सबसे ज्यादा वोट पाने वाले उम्मीदवार को विजयी घोषित किया जाता है।राजशाही खत्म होने के बाद देश में 2015 में संविधान लागू किया गया। इसके बाद हुए पहले चुनाव को ऐतिहासिक माना जा रहा 


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