नशेड़ियों का अड्डा बनी मेहदी हसन की कब्र, बेटों ने भारत सरका से मदद की अपील

punjabkesari.in Thursday, Jun 22, 2017 - 02:37 PM (IST)

नई दिल्ली: पिछले पांच साल से मेहदी हसन की मजार और उनकी याद में संग्रहालय बनने का इंतजार कर रहे उनके बेटों की उम्मीद ने दम तोड़ दिया है और अब हार कर उन्होंने भारत सरकार से इसके लिये आर्थिक मदद की अपील की है।  शहंशाह ए गजल मेहदी हसन का जन्म राजस्थान के झुंझनू जिले के लूना गांव 1927 में हुआ था लेकिन विभाजन के बाद उनका परिवार पाकिस्तान जा बसा था। वहीं लंबी बीमारी से जूझने के बाद कराची के आगा खान अस्पताल में उन्होंने 13 जून 2012 को अंतिम सांस ली। उनके इंतकाल के बाद पाकिस्तान में सिंध प्रांत की सरकार और पाकिस्तान सरकार ने उनकी याद में मजार और संग्रहालय बनाने का वादा किया था लेकिन अभी तक पूरा नहीं किया।

 हसन के बेटे आरिफ मेहदी ने कराची सेे कहा कि अब्बा के इंतकाल के बाद सिंध सरकार और पाकिस्तान सरकार ने वादा किया था कि एक साल के भीतर मजार बनायेंगे लेकिन अभी तक सिर्फ कब्र के पास बाउंड्री बनी है। आसपास गटर का पानी भरा है और बच्चे यहां क्रिकेट खेलते हैं ।लोगों ने बकरियां पाल रखी है और यह जगह नशेडयिों का अड्डा बन गई है।   उन्होंने कहा कि हमने पांच साल इंतजार किया और तमाम दफ्तरों की खाक छानी। अब हम थक गए हैं और भारत सरकार से अपील करते हैं कि उनकी मजार बनाने में आर्थिख मदद करे चूंकि हसन साब की पैदाइश भारत की है और उनके वहां बड़े मुरीद हैं। 

मेहदी हसन के करीबी रहे आर्टिस्ट बुकिंग डाटकाम के संस्थापक मनमीत सिंह ने कहा कि कई भारतीय कलाकार भी इसमें मदद करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि पाकिस्तान सरकार ने मजार और संग्रहालय बनाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया तो हम मेहदी हसन साब के परिवार की मदद को तैयार हैं। मैने कई कलाकारों जैसे हरिहरन, हंसराज हंस , तलत अजीज से बात की है जो मदद के लिये तत्पर हैं। हम लोग पांच साल पहले उनकी तेरहवीं पर भी कराची गए थे और लगातार उनके परिवार से संपर्क में हैं । 


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