नीदरलैंड में बोले PM मोदी, पासपोर्ट का रंग बदलने से खून के रिश्ते नहीं बदलते
punjabkesari.in Tuesday, Jun 27, 2017 - 11:56 PM (IST)
नीदरलैंड: अमेरिकी धरती से आतंकवाद पर पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट ने आतंकवाद के खात्म के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एकजुट होकर प्रयास करने का मंगलवार को आहवान किया।
Prime Minister Narendra Modi addresses the Indian community, in Sportcampus Zuiderpark at The Hague #ModiInNetherlands pic.twitter.com/ZOndkow1oZ
— ANI (@ANI_news) June 27, 2017
आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेन्स’ की नीति अपनाई जानी चाहिए
दोनों नेताओं ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई केवल आतंकवादियों,आतंकवादी संगठनों और नेटवर्क तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए बल्कि इनकी पहचान की जानी चाहिए और इन आतंकवादी संगठनों को समर्थन करने वाले और धनराशि उपलब्ध कराने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए। दोनों प्रधानमंत्रियों ने एक साझा बयान जारी करके कहा कि आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेन्स’ की नीति अपनाई जानी चाहिए। दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खतरे का जिक्र करते हुए इसे लेकर दोहरा मापदंड अपनाए जाने की निंदा की और दोनों नेता द्विपक्षीय स्तर पर और बहुपक्षीय स्तर पर आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग को मजबूत करने पर सहमत हुए हैं।
#WATCH: Members of the Indian community chant 'Modi Modi' as the Prime Minister greets diaspora after his address in #Netherlands pic.twitter.com/VQJWJsLbph
— ANI (@ANI_news) June 27, 2017
भारत, नीदरलैंड ने आतंकवाद के दोहरे मानदंडों की निंदा की
भारत और नीदरलैंड ने आतंकवाद की समस्या पर ध्यान देने में दोहरे मानदंडों के इस्तेमाल की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि किसी भी सूरत में आतंकवादी कृत्यों को जायज नहीं ठहराया जा सकता। आतंकवाद एवं हिंसक चरमपंथ के प्रसार से उपज रहे गंभीर खतरे को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीदरलैंड के उनके समकक्ष मार्क रूत्ते ने आतंकवाद से मुकाबले एवं हिंसक चरमपंथ की तरफ बढऩे की क्षमता रखने वाले कट्टरपंथ को रोकने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई।
आतंकी संगठनों के नेटवर्कों का हो भंड़ाफोड़
द्विपक्षीय बैठक के बाद दोनों नेताओं ने एक संयुक्त बयान में एक समग्र दृष्टिकोण के जरिए आतंकवाद के खात्मे के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा एक एकीकृत एवं सामूहिक प्रयास की जरूरत पर भी जोर दिया। बयान के अनुसार दोनों प्रधानमंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी सूरत में आतंकवादी कृत्यों को जायज नहीं ठहराया जा सकता और आतंकवाद को लेकर रत्ती भर भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति होनी चाहिए। उन्होंने पुष्टि की कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का मकसद ना केवल आतंकवादियों, आतंकी संगठनों एवं नेटवर्कों को बाधित करना और दंडित करना होना चाहिए बल्कि आतंकवाद को बढ़ावा देने, मदद देने एवं उसका वित्तपोषण करने, आतंकियों, आतंकी समूहों को पनाह देने तथा उनके गुणों का झूठा बखान करने वालों की पहचान करना, उनकी जवाबदेही तय करना और उनके खिलाफ कड़े उपाय करना होना चाहिए।