ट्रंप की नारजगी झेल रही गूगल को एक और झटका, कंपनी पर 17 हजार करोड़ का जुर्माना

punjabkesari.in Tuesday, Jun 27, 2017 - 06:44 PM (IST)

ब्रसल्स: पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नाराजगी झेल रही दिग्गज कंपनी गूगल को एक और झटका लगा है। यूरोपियन यूनियन (EU) ने आज गूगल पर 2.4 अरब यूरो  (17 हजार करोड़ रुपए) का रिकॉर्ड जुर्माना लगाया है। कंपनी पर भरोसे के हनन के लिए यह जुर्माना लगाया गया है। 

अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना
यूरोपीय संघ द्वारा विश्वासघात के मामले में किसी एक कंपनी पर लगाया गया अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना है। यह जुर्माना उस पर चल रहे तीन में से एक मामले में लगाया गया है। गूगल पर आरोप है कि वह खोजों में अपनी शॉपिंग सेवाओं को प्राथमिकता देती है। यूरोपीय आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि गूगल 90 दिन के भीतर सर्च परिणामों में अपनी शॉपिंग सेवाओं को तरजीह देना बंद कर दे अन्यथा उस पर प्रति दिन के हिसाब से एल्फाबेट के औसत दैनिक वैश्विक कारोबार का पांच प्रतिशत अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा। आज के आदेश में उस पर एल्फाबेट के कारोबार का तीन प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है। इससे पहले सर्च में कदाचार के आरोप के कारण वर्ष 2013 में अमेरिका में भी उस पर जुर्माना लगाया गया था। हालांकि, उस समय उसने बिना कोई जुर्माना अदा किये अपनी सर्च में मौजूद खामियों को दूर कर मामला सुलझा लिया था। 

कंपनी पर हैं और भी आरोप
यूरोपीय प्रतिस्पर्धा नियामक ने गूगल को अपने मोबाइल सिस्टम एंड्रॉयड का इस्तेमाल अपने प्रतिद्वंद्वियों को नुकसान पहुंचाने के लिए करने का दोषी भी पाया है। उस पर ऑनलाइन सर्च प्रायोजन में प्रतिद्वंद्वी कंपनियों की प्रचार सामग्रियों को ब्लॉक करने का भी आरोप है। 

‘‘गूगल ने जो किया है वह यूरोपीय संघ के विश्वासघात नियमों के तहत अवैधानिक है। उसने दूसरी कंपनियों से गुणवत्ता के दम पर प्रतिस्पद्र्धा और नवाचार का अधिकार छीना है। सबसे महत्वपूर्ण बात, कि उसने यूरोपीय उपभोक्ताओं को सेवाओं में वास्तविक पसंद और नवाचार के पूर्ण लाभ से वंचित किया है।’’
 -यूरोपीयन कॉम्पिटिशन कमीशनर माग्रेथ वेस्तागर

गूगल ने दी सफाई

गूगल ने इस फैसले से असहमति जताई है। उसने कहा कि उसके आंकड़े दिखाते हैं कि लोग वेबसाइट पर बार-बार सर्च करने की बजाय अपने पसंदीदा उत्पादों तक सीधे पहुंचाने वाले लिंक पसंद करते हैं। गूगल के अधिवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘हम पूरे सम्मान के साथ आज दिए गए आदेश से असहमति जताते हैं। हम अपील पर विचार कर रहे हैं और उससे पहले आयोग के फैसले की विस्तृत समीक्षा करेंगे। हमें अपना पक्ष साबित करने को लेकर आशांवित हैं।’’


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