जापान में नौकरियों की भरमार, कंपनियों ने मांगें सरकार से विदेशी कर्मचारी

punjabkesari.in Saturday, Nov 18, 2017 - 01:59 PM (IST)

नई दिल्ली : भारत में बेरोजगारी की समस्या से तेजी से बढ़ रही है। सरकार की ओऱ से बेरोजगारी को खत्म करने के खई सारी प्रत्यन भी किए जा रहे है। लेकिन फिर भी इस समस्या से छुटकारा नहीं मिल पाया है । वहीं इसके विपरीत एक देश एेसा भी  है जहां नौकरियां को बहुत ज्यादा है लेकिन काम करने वाले लोग कम। जी हां जापान मेंनौकरियां ज्यादा हो गई है और नौकरी चाहने वाले कम। आलम यह है कि वर्कफोर्स में आई इस कमी को दूर करने के लिए वहां कि कपंनियां विदेशी वर्कर्स को कमा पर रखने में रुचि दिखा रही है । उन्होंने इसके बारे में जापान सरकार को अवगत करवाया है। सिंतबर तक के सरकारी आकड़ों के मुताबिक जापान में बेरोजगारी की दर 2.8प्रतिशत है । वहां पेश की जाने वाली हर 152 नौकरियों के लिए 100 नौकरी चाहने वाले ही सामने आ रहे है । 

विशेषज्ञों का कहना है कि मैनपावर की कमी ना सिर्फ जापान की इकोमॉमिक ग्रोथ बल्कि सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी खतरा बन रही है। दैश की आबादी घटने का रुझान इस समस्या को गंभीर बना रहा है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक जापान में आबादी बढ़ने की सालाना औसत दर शून्य से नीचे चल रही है।जापान चैंबर अॉफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन अकिओ मिमुरा का कहना है कि देश में वर्कफोर्स में कमी की गंभीरता बढ़ रही है । यह समस्या निजी क्षेत्र में मुश्किल खड़ी कर रही है। खास कर छोटे मोझले उद्योगों में जहां 70 प्रतिशत वर्कर काम करते हैं ।चैंबर अॉफ कॉमर्स के एक सर्वे के मुताबिक 60 प्रतिशत  जापानी एसएमई वर्कर्स की कमी से जूझ रही है । नतीजा यह है कि या तो आर्डर पूरा करने में देरी हो रही है, या आर्डर कैंसिल हो रहे है या फिर उन्हें अॉटोमेशन करना पड़ रहा है । 

मिमुरा ने इमिग्रेशन नियमों को लचीला बनाने के लिए एक पैनल बनाने का सुझाव दिया है। साथ ही सरकार से अन्य उपाय करने को कहा है ताकि जापान के लेबर मार्केट में विदेशी वर्कर्स की पहुंच बढ़ सके। श्रम स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक जापान में पिछले साल विदेशी कर्मचारियों की संख्या पहली बार 10 लाख को पार कर गई थी। यह आंकडा देश की कुल वर्कफोर्स के 0.65 प्रतिशत के बराबर है। 


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