डोकलाम विवाद का असर पड़ेगा BRICS पर, शी के लिए अशुभ संकेत!

punjabkesari.in Monday, Aug 21, 2017 - 06:11 PM (IST)

बीजिंग: डोकलाम सीमा पर भारत और चीन के बीच बीते दो महीने से जारी गतिरोध कम होने की बजाय लगातार बढ़ता चला जा रहा है। हालांकि एेसे कयास लगाए जा रहे हैं कि चीन की ओर से डोकलाम विवाद लगातार बरकरार रखने का एक मुख्य कारण भारत और भूटान के बीच दरार पैदा करना है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) एवं भारतीय सेना के बीच बने डोकलाम गतिरोध को हाल के वर्षों में सबसे लंबा गतिरोध माना जा रहा है।
PunjabKesariएेसा भी माना जा रहा है कि चीन की कार्रवाई शी जिनपिंग की प्रिय परियोजना ओबीओर (वन बेल्ट वन रोड) में शामिल न होने पर भारत को सबक सिखाने के लिए थी। भारत ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरता है पर संप्रभुता का मुद्दा उठाते हुए मई 2017 में बीजिंग में हुए बेल्ट एंड रोड फोरम समिट में भाग लेने के आमंत्रण को ठुकरा दिया था।
PunjabKesariअब एेसे कयास लगाए जा रहे है कि चीन की एेसी कार्रवाई उस पर ही भारी पड़ सकती है। डोकलाम विवाद का सीधा असर ब्रिक्स शिखर सम्मेलन पर पड़ सकता है जो शी जिनपिंग के लिए एक शुभ संकेत नहीं है। इसके पीछे कई कारण है। दरअसल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अगली बैठक जो इस वर्ष सितंबर में शियामेन(चीन)में आयोजित होने वाली है । मेजबान देश होने के कारण चीन इसे काफी सफल बनाने की कोशिश करेगा। इसकी कामयाबी का सीधा श्रेय चीनी राष्ट्रपति शी को ही मिलेगा। अब डोकलाम सीमा पर इस तनातनी के कारण ब्रिक्स बैठक को लेकर होने वाले मूल प्रचार और चर्चा में धीरे धीरे काफी कमी आ गई है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए चीन को काफी मशक्कत करनी होगी। निश्चित रूप से भारत और चीन के बीच वर्तमान गतिरोध से भी चीन के लिए मुश्किलें और बढेंगी।
PunjabKesariदूसरा कारण यह है कि चीन में होने वाला सबसे महत्त्वपूर्ण समारोह कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीसी) की 19वीं कांग्रेस बैठक जिसका आयोजन हर 5 वर्ष पर किया जाता है और यह पार्टी के लिए अगले पांच वर्षों के लिए एवं देश के लिए अगले 10 वर्षों की दिशा भी निर्धारित करता है। 2012 में पार्टी के महासचिव का पदभार संभालने और 2013 में राष्ट्रपति बनने के बाद शी लगातार सुनियोजित तरीके से अपनी स्थिति और अधिक मजबूत बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम, जोकि वहां की आम जनता के बीच बेहद लोकप्रिय है, के तहत उन्होंने अपने कई प्रतिद्वंदियों को दरकिनार कर दिया। अभी हाल में, उन्होंने चोंगकिंग के राज्यपाल सुन झेंगकाई को उनके पद से हटा दिया। खबरों के अनुसार,अब शी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि नए सदस्य उनके आश्रित होंगे, जो मुख्य रूप से पार्टी के पुराने वरिष्ठ नेताओं के निकट संबंधियों आदि से संबंधित है।


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