दुनिया के इस गंभीर मुद्दे से चीन के युवा बेखबर

punjabkesari.in Sunday, Jul 23, 2017 - 12:51 PM (IST)

बीजिंगः डोकलाम विवाद को लेकर भारत को बार-बार युद्ध की धमकी देने वाले चीन को खुद अपने ही देश के युवाओं की खबर नहीं है। चीन का सरकारी मीडिया बार-बार 'भारत को सबक सिखाने' का आह्वान कर रहा है, पर चीन के युवा इस पर ध्यान तक नहीं दे रहे। चीन के युवाओं का एक बड़ा हिस्सा तो डोकलाम विवाद से वाकिफ तक नहीं है क्योंकि वह सरकारी मीडिया को ज्यादा तवज्जो ही नहीं देता।

चीन के युवाओं के रुझान को समझने के लिए सबसे बेहतर माध्यम है वहां का सोशल मीडिया। शनिवार को चीन के सोशल मीडिया सीना वीबो (ट्टिवर का चीनी वर्जन) पर जो टॉप 50 मुद्दे ट्रेंड कर रहे थे, उनमें डोकलाम विवाद कहीं था ही नहीं। बता दें कि सीना वीबो चीन में बेहद लोकप्रिय माइक्रो ब्लॉगिंग साइट है जिस पर 340 मिलियन (34 करोड़) यूजर्स हैं।

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चीन के सरकारी मीडिया की ओर से कई बार कोशिश की गई कि भारत के खिलाफ युवाओं के बीच गुस्से और उत्तेजना का माहौल तैयार किया जाए, पर वह ऐसा करने में अब तक नाकाम रहा है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह मानी जा सकती है कि चीन के आम नागरिकों के मन में भारत को लेकर कभी कोई शत्रुता का भाव नहीं रहा है। हालांकि 2012 में जापान के साथ सीमा विवाद को लेकर चीन के कट्टरपंथी राष्ट्रवादी देश में एक गुस्से का माहौल बनाने में कामयाब रहे थे, पर उसकी वजह यह थी कि दोनों देशों के बीच का इतिहास विवादों से भरा पड़ा है।

चीन में '50 सेंट पार्टी' नाम का एक बड़ा ग्रुप है जिसके सदस्य सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थन में सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में कॉमेंट करते हैं। चीन के रिसर्चर ने कहा, 'मुझे लगता है कि अभी तक '50 सेंट पार्टी' को यह निर्देश नहीं मिला है कि वह सोशल मीडिया पर भारत को एक आक्रमणकारी के तौर पर पेश करे। शायद सरकार ऐसा करना ही नहीं चाहती क्योंकि एक बार अगर ऐसा हो गया तो फिर ऐसे देश के साथ संबंध सुधारना काफी मुश्किल हो जाता है जो देश के लोगों के नजर में बदनाम हो चुका हो।'

दूसरी तरफ ग्लोबल टाइम्स सहित चीन के सरकारी मीडिया का एक बड़ा हिस्सा कई दर्जन एक्सपर्ट्स और सरकारी थिंक टैंक के साथ भारत की कमियों को उजागर करने में जुटा है। इसमें सिर्फ सीमा विवाद ही नहीं, बल्कि गरीबी सहित कई अन्य मुद्दों को लेकर भारत पर निशाना साधने की रणनीति बनाई जा रही है।


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