चीनी मीडिया की बड़ी ''भविष्यवाणी''- 2019 में मोदी का जीतना तय

punjabkesari.in Thursday, Mar 16, 2017 - 03:04 PM (IST)

पेइचिंगः उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा को मिली जीत की चर्चा चीनी मीडिया में भी हाे रही है। चीन के अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' के मुताबिक, भाजपा को इतनी बड़ी जीत मिलने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्थिति मजबूत हुई है और इसका फायदा भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी होगा। ग्लोबल टाइम्स चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का अखबार है, जिसका फोकस विदेशी मामलों पर होता है। गुरुवार को अखबार में छपे एक लेख में कहा गया कि भाजपा की जीत का मतलब है कि अब अंतरराष्ट्रीय विवादों में भारत के साथ किसी तरह का समझौता करने में ज्यादा परेशानी पेश आएगी। अखबार ने लिखा, भारत के आंतरिक मामलों और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर PM मोदी का सख्त बर्ताव भाजपा को मिली जीत के कारण और कठोर होता जाएगा। इस लेख में अनुमान जताया गया कि भारत में आयोजित होने वाले 2019 के लोकसभा चुनावों में भी भाजपा को ही जीत मिलेगी।

मोदी लाए हैं बदलाव 
गलोबल टाइम्स ने लिखा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखें, तो प्रधानमंत्री मोदी भारत के पुराने बर्ताव में बदलाव लाए हैं। पहले भारत किसी को भी नाराज नहीं करना चाहता था, लेकिन अब वह अपने हितों को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने के लिए बाकी देशों के साथ जुड़े विवादों में भी साफगोई से अपना पक्ष रखता है। इस जीत के साथ ही PM मोदी और मजबूत हुए हैं। लेख में कहा गया कि पेइचिंग और दिल्ली के आपसी सीमा विवादों में अभी तक कोई उम्मीद की किरण नजर नहीं आई है। मोदी ने भारत-चीन सीमा पर तैनात भारतीय सेना के जवानों के साथ भारत के सबसे बड़े त्योहार दीवाली को मनाकर इस सीमा विवाद पर अपने सख्त रुख का परिचय दिया।

सीमा विवाद के हल की उम्मीद 
लेख में आगे कहा गया कि PM मोदी ने अमरीका और जापान के साथ रक्षा संबंधों को और मजबूत किया। उन्होंने एशिया-प्रशांत क्षेत्र को फिर से संतुलित करने की अमरीकी नीति को समर्थन दिया। दक्षिणी चीन सागर विवाद पर भी उन्होंने अमरीका के पक्ष का समर्थन किया। इसके साथ ही BJP और मोदी को हाईलाइनर्स बताते हुए इस लेख में कहा गया कि जमीन पर ये हार्डलाइनर्स भले ही लचीले ना दिखें, लेकिन एक बार जब ये अपना मन बना लेते हैं, तो अपनी योग्यता और काबिलियत के बूते किसी मुद्दे पर समझौता करने में भी दृढ़ता दिखाते हैं। हमें उम्मीद है कि मोदी के कार्यकाल में सीमा विवाद सहित तमाम आपसी मतभेदों को सुलझाया जा सकता है, बशर्ते दोनों पक्ष इसके लिए राजी हों।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News