इलैक्ट्रो होम्योपैथी में संभावनाएं हैं अपार

punjabkesari.in Saturday, Dec 30, 2017 - 11:25 AM (IST)

नई दिल्ली : कुछ ही दिनों में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं शुरु होने वाली है । कई विद्यार्थी अपने करियर को लेकर परेशान होगें। अगर आप भी अपने करियर को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं कर पाएं है। तो आइए जानते है करियर से जुड़े कुए नए विकल्पों के बारे में 

क्या है इलैक्ट्रो होम्योपैथी
इलैक्ट्रो होम्योपैथी असल में होम्योपैथी चिकित्सा का ही एक हिस्सा है, जिसमें पेड़-पौधों का औषधीय अर्क निकाल कर उसका इस्तेमाल विभिन्न रोगों में आल्टरनेट थैरेपी के तौर पर किया जाता है। इस चिकित्सा पद्धति के अनुसार रोग के लक्षण और औषधि के लक्षण में जितनी अधिक समानता होगी, रोगी के ठीक होने की संभावना भी उतनी अधिक बढ़ जाएगी। इस थैरेपी का मुख्य काम रक्त में आई अशुद्धियों को दूर कर शरीर को बीमारियों से मुक्त बनाना है।

कैसे काम करती है यह
इलैक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा विज्ञान की वह शाखा है। जिसमें सभी प्रकार की बीमारियों के लिए सिर्फ पेड़-पौधों के अर्क का इस्तेमाल किया जाता है। इस पद्धति द्वारा इलाज के दौरान किसी भी जानवर या अन्य किसी प्रकार के खनिज स्रोत का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। यह पद्धति पूरी तरह प्राकृतिक तरीकों से इलाज करती है। यह पूरी तरह सुरक्षित और बिना किसी साइड इफैक्ट के काम करने वाली थैरेपी है। अवसाद, आर्थराइटिस, माइग्रेन, अल्सर और अन्य अनेक प्रकार की गंभीर बीमारियों का इलाज इस थैरेपी से सफलतापूर्वक किया जा सकता है।

योग्यता
इस कोर्स में डिप्लोमा और डिग्री दोनों स्तरों पर दाखिला लिया जा सकता है। डिप्लोमा कोर्स में दाखिला लेने के लिए दसवीं कक्षा अथवा उसके समकक्ष होना जरूरी है। वहीं डिग्री कोर्स के लिए 10+2 विज्ञान में फिजिक्स, कैमिस्ट्री और बायोलॉजी विषयों के साथ उत्तीर्ण आवश्यक है। विज्ञान विषय में स्नातक भी इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं।

अवसर
इलैक्ट्रो होम्योपैथिक रिसर्च एंड डिवैल्पमैंट आर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया (ई.आर.डी.ओ.) के अध्यक्ष डा. के.पी.एस. चौहान के मुताबिक चिकित्सा के जगत में यह एक तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है। जिसमें करियर को लेकर अपार संभावनाएं हैं। मैडिकल की अन्य शाखाओं की तुलना में इलैक्ट्रो होम्योपैथी की पढ़ाई सस्ती हैं। इसलिए जो छात्र चिकित्सा के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं। लेकिन, पैसों के अभाव के चलते ऐसा नहीं कर पाते, उनके सपने पूरे करने के लिए यह एक शानदार क्षेत्र है। विभिन्न सरकारी अस्पतालों और डिस्पैंसरियों में डिप्लोमा/डिग्री धारक को योग्यता और अनुभव के आधार पर आराम से 10 से 40 हजार रुपए तक वेतन मिल जाता है। अपना क्लीनिक खोलने पर आप अपनी योग्यता के हिसाब से जितना चाहें कमा सकते हैं। इतना ही नहीं विदेशों में तो और भी अच्छे वेतन पर आप काम कर सकते हैं। जैसे डैंटल सर्जन को अमरीका में लगभग 110,000 सालाना के हिसाब से वेतन मिलता है।


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