आज ब्रज के हर घर में जन्म लेंगे कान्हा, 20 टन प्रसाद का लगेगा भोग

punjabkesari.in Thursday, Aug 25, 2016 - 10:32 AM (IST)

श्रीकृष्ण जन्मस्थान के साथ ही आज रात्रि में ब्रज के प्रत्येक घर में कान्हा जन्म लेंगे। श्रीकृष्ण जन्मस्थान और प्राचीन द्वारिकाधीश मंदिर में सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं।भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाने के लिए श्रद्घालु इस बार कुछ पहले से ही ब्रज में उमड़ पड़े हैं। मथुरा, वृन्दावन, गोवर्धन, बरसाना, नन्दगांव और गोकुल-महावन आदि सभी स्थानों पर मंदिरों में इन दिनों तीर्थयात्रियों का भारी दबाव देखा जा रहा है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर जन्मोत्सव से पहले होने वाले आयोजन आज 25 अगस्त को सुबह मंगला आरती के बाद शुरू हो जाएंगे।

   

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में साल में एक ही दिन होने वाली मंगला आरती में इस बार 101 थाल में सजाकर छप्पन व्यंजन भोग में परोसे जाएंगे। जन्मोत्सव की मंगला आरती के सेवाधिकारी बालकृष्ण गोस्वामी ने बताया कि इस वर्ष ठाकुरजी को पूर्व की भांति ही मंगला आरती के मौके पर छप्पन व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा, जैसा कि तीन दशक पूर्व तक लगाया जाता रहा था। ब्रज में श्रीकृष्ण को 20 टन प्रसाद का भोग लगाया जाएगा।

 

श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया, ‘दुनिया भर के आकर्षण का केंद्र बनने वाले श्रीकृष्ण जन्मस्थान के भागवत भवन में ठाकुरजी का महाभिषेक गुरुवार रात्रि 12.15 से 12.30 तक चलेगा। तदुपरांत 12.40 से 12.50 तक श्रृंगार आरती के दर्शन होंगे। जन्म के दर्शन रात्रि डेढ़ बजे तक खुले रहेंगे।’ 

 

इससे पूर्व रात्रि 11 बजे से मध्य रात्रि तक गणेश पूजन एवं नवग्रह पूजन होगा। 12 बजते ही भगवान के प्राकट्य के साथ संपूर्ण मंदिर परिसर में ढोल-नगाड़े, झांझ-मजीरे बज उठेंगे और मृदंग की थाप पर हरिबोल संकीर्तन प्रारंभ हो जाएगा। इसी बीच महाआरती प्रारंभ हो जाएगी जो 10 मिनट तक चलेगी।   

 

संस्थान के सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने बताया कि संस्थान की आेर से 5 टन लड्डुओं का भोग लगाया जाएगा जो निकास द्वार के दोनों सिरों पर सांयकाल से दर्शन खुले रहने तक लगातार वितरित किया जाएगा। 

 

जन्म के बाद कान्हा को पंचमेवा का भोग लगाया जाएगा। खरबूजे की मिगी, अरबी का पाग, मूंगफली, नारियल का पाग और पंजीरी का भोग कान्हा के प्राकट्य होने पर लगाया जाएगा। इसके अतिरिक्त केला, अमरूद, सेब आदि फल भी अर्पित किए जाएंगे। ब्रज में जन्माष्टमी  के शुभ अवसर पर खीरे की बिक्री बढ़ चुकी है। परंपरा के अनुसार खीरे को बीच में काटकर उसमें लड्डू गोपाल के स्वरूप को बिठाया जाता है। ध्यरात्रि जन्माभिषेक पर उस खीरे से स्वरुप का निकालकर कान्हा का प्राकट्य किया जाता है। इसके बाद आरती होती है। भगवान को भोग लगाकर समापन किया जाता है।

 

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी होने पर एंबुलेंस की भी व्यवस्था की गई है। भक्तों के लिए नि:शुल्क आयुर्वेदिक और आकस्मिक चिकित्सा उपलब्ध रहेगी।

 

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