शिव-पार्वती के निवास स्थान 'कैलाश मानसरोवर' की यात्रा का पंजीकरण शुरू

punjabkesari.in Wednesday, Feb 21, 2018 - 03:53 PM (IST)

कैलाश पर्वत भारत में स्थित एक पर्वत श्रेणी है। यह हिमालय के केंद्र में है। कैलाश पर्वत वह पवित्र जगह है, जिसे शिव-पार्वती का धाम माना जाता है। इस पर्वत के पश्चिम तथा दक्षिण में मानसरोवर तथा रक्षातल झील हैं। यहां से कई महत्वपूर्ण नदियां निकलतीं हैं जैसे ब्रह्मपुत्र, सिंधु, सतलुज इत्यादि। हिंदुओं के लिए कैलाश मानसरोवर का मतलब भगवान का साक्षात दर्शन करने जैसा है। कैलाश मानसरोवर को ब्रह्मांड का केंद्र माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि पहाड़ों की चोटी वास्तव में सोने के बने कमल के फूल की पंखुड़ियां हैं जिन्हें भगवान विष्णु ने सृष्टि की संरचना में सबसे पहले बनाया था। इन पंखुड़ियों के शिखरों में से एक है कैलाश पर्वत। हिंदू धर्म के साथ-साथ यह बौद्ध धर्म के लोगों के लिए एक पवित्र तीर्थ धाम माना गया है। जिंदगी में एक बार स्वर्ग में भगवान के दर्शन का एहसास यहीं मिलता है। इसलिए लोग हर साल हजारों की तादाद में अपने प्रिय शिव और पार्वती के दर्शन करने कैलाश आते हैं। 


मानसरोवर यात्रा का पंजीकरण शुरु 
सरकार ने प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रा का पंजीकरण शुरु कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में यहां बताया कि मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले यात्रियों का पंजीकरण मंगलवार से शुुरु हो गया है जो 23 मार्च तक चलेगा। इस वर्ष मानसरोवर यात्रा आठ जून से आरंभ होकर आठ सितंबर तक चलेगी। यात्रा के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति की आयु एक जनवरी 2018 के न्यनूतम 18 वर्ष तथा अधिकतम 70 वर्ष होनी चाहिए। आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी और आवेदन ‘केएमवाई डाट गोव डाट इन’पर किया जा सकता है। यात्रा आवेदन पत्र के लिए दिशा निर्देश हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध हैं।


यात्रा पर जाने वाले लोगों का चयन कम्प्यूटर के जरिए किया जाएगा जिसमें लैंगिक समानता का ध्यान रखा जाएगा। चयनित यात्रियों को ईमेल और एसएमएस के जरिए सूचना दी जाएगी। यात्रा के संबंध में कोई भी सूचना फोन पर भी ली जा सकती है।   बयान में कहा गया है कि इस वर्ष मानसरोवर यात्रा दो मार्गों उत्तराखंड में लिपूलेख और सिक्किम में नाथूला दर्रें से होगी। लिपूलेख से यात्रा के लिए यात्री को एक लाख 60 हजार रुपए चुकाने होंगे और इसमें 24 दिन का समय लगेगा। दूसरे रास्ते नाथूला दर्रें के मार्ग से यात्रा मोटर के जरिए की जा सकती है। इसके लागत लगभग दो लाख रुपए होगी और इसमें 21 दिन का समय लगेगा। यात्रा के लिए आवेदन दो लोगों के समूह में किया जा सकता है।


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