अद्भुत मंदिर: सिर के बल खड़ी है हनुमान जी की प्रतिमा

punjabkesari.in Friday, May 27, 2016 - 09:22 AM (IST)

श्री राम भक्त हनुमान जी अजर-अमर हैं। समस्त संसार में उनके बहुत सारे छोटे-बड़े मंदिर स्थापित हैं।  उन सभी में आपने उनकी खड़ी या बैठी हुई प्रतिमा के दर्शन किए होंगे लेकिन एक ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी की सिर के बल खड़ी सिंदूर लगी प्रतिमा है। जो उलटे हनुमान जी के नाम से विख्यात है। भक्त हनुमान के अन्य मंदिरों से ये मंदिर अलग है। आईए आप भी मानसिक रूप से करें हनुमान जी के अद्भुत रूप के दर्शन-

 

इंदौर के सांवरे नामक स्थान पर उल्टे हनुमान जी का मंदिर है। मान्यता है कि ये मंदिर रामायण काल से है। यह मंदिर भक्तों का महत्वपूर्ण स्थान है। इस मंदिर में श्री हनुमान की उल्टे मुख वाली सिंदूर से सुसज्जित प्रतिमा है। यहां आकर भक्ति में लीन श्रद्धालु अपनी चिंताअों को भूल जाते हैं।

 

पौराणिक कथा के अनुसार

माना जाता है की रामायण काल के समय जब श्री राम अौर रावण के बीच युद्ध हो रहा था उस समय अहिरावण बड़ी होशियारी से अपना रुप बदलकर श्री राम की सेना में सम्मिलित हो गया। रात के समय जब सभी सो रहे थे उस समय उसने अपनी जादुई शक्ति से श्री राम व लक्ष्मण को मूर्छित कर उनका अपहरण करके पाताल लोक ले जाने में सफल हो गया। जब वानर सेना को इस बात का पता चला तो उनमें हलचल मच गई। एक कबूतर अौर कबूतरी की वार्तालाप से हनुमान जी को ज्ञात होता है कि श्री राम अौर लक्ष्मण को अहिरावण पाताल लोक ले गया है।

 

तब हनुमान जी पाताल लोक जाकर भगवान राम और लक्ष्मण सहित अहिरावण से युद्ध करके उसका नाश कर देते हैं अौर उन्हें सुरक्षित बाहर ले आते हैं। मान्यता है कि यही वह स्थान है जहां से भक्त हनुमान पाताल लोक की अोर गए थे। पाताल लोक की अौर जाते समय हनुमान जी के पांव आकाश की तरफ अौर सिर पाताल की अोर था। इसी कारण उनके उल्टे रूप का मंदिर इंदौर के सांवरे में स्थित है अौर उनके इसी रुप की पूजा होती है।

 

मंदिर की विशेषता

इस हनुमान मंदिर की मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति लगातार तीन या पांच मंगलवार हनुमान जी के दर्शनों के लिए आए तो उनके सारे दुख दूर हो जाते हैं अौर सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। यहां भक्त हनुमान जी को चोला चढ़ाते हैं।

 

इस मंदिर में बहुत से लोग हनुमान जी के दर्शन करने आते हैं। यहां हनुमान जी के साथ श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और शिव-पार्वती की प्रतिमाएं भी हैं। लोगों का मानना है कि ये एक दिव्य मंदिर है यहां हनुमान जी के दर्शन मात्र से ही भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। यहां पीपल, नीम, पारिजात, तुलसी, बरगद के वृक्ष हैं। यहां वर्षों पुराने दो पारिजात के वृक्ष हैं। पुराणों के अनुसार पारिजात वृक्ष में हनुमानजी का भी वास होता है। श्रद्धालुओं की आस्था उन्हें यहां खींच लाती है।

 

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