कूटनीतिक चालों के षड्यंत्र से सावधान रहें योगी

punjabkesari.in Monday, Jun 05, 2017 - 11:58 AM (IST)

आदित्यनाथ योगी की राशि पर फरवरी, 2017 से केतु की महादशा का समय प्रारम्भ हो गया है। केतु द्वादश स्थान पर चंद्रमा की राशि कर्क में स्थित है तथा उस पर शनि की पूर्ण दृष्टि है। केतु पूर्ण मोक्ष कारक ग्रह है। इसकी अंतर्दशा का समय जुलाई, 2017 तक रहेगा। इस अंतर में जातक को आंतरिक एवं बाह्य षड्यंत्रों से सावधान रहना होगा। अपने ही नजदीक के व्यक्ति नीचा दिखाने का गुप्त रूप से प्रयास करेंगे, जन मानस में छवि को गिराने का भी सतत प्रयास करेंगे। बाह्य जगत तो खुलकर कार्य करने के अवसर को बिगाडऩे का पूर्ण प्रयास करेगा। इस विषय पर अंतर्चक्षु खोलकर कार्य करना लाभदायक रहेगा। अपनी स्पष्ट कार्यशैली का खुलकर प्रयोग करने से स्थितियों में लाभ होने के प्रबल योग बनेंगे, केतु तथा सिंह लग्न होने के कारण सामाजिक ताने-बाने पर विशेष ध्यान रखना होगा अन्यथा निकटतम सहयोगी व्यक्ति जातक का लाभ उठाने से चूकेंगे नहीं, जिसका विपरीत प्रभाव दल एवं सरकार पर पड़ेगा। इसके बाद शुक्र की अंतर्दशा का समय प्रारम्भ होगा। यह अंतर्दशा विशेष शुभ होगी। इसमें प्रदेश का चहुंमुखी विकास होगा। 


शुक्र विलासिता प्रधान ग्रह है। इसमें प्रदेश के पर्यटन का विशेष विकास होगा। मंगल के साथ लाभ भाव में होने के कारण भूमि उद्योगों को विशेष लाभ होगा, फिर भी आंतरिक व्यक्तियों से केतु एवं सूर्य के कारण सावधान रहना होगा। सहारनपुर कांड के पीछे भी केतु के कारण कूटनीतिक स्थितियां बनी थीं। गोचर के ग्रह भी वर्तमान समय में योगी के अनुकूल रहेंगे। गुरु सितम्बर के महीने में कन्या से निकल कर तुला राशि में प्रवेश करेगा जो कि राशि एवं जन्म राशि दोनों से अनुकूल रहेगा। राहु, केतु भी कर्क एवं मकर राशि में राशि जन्म, राशि लग्न से अनुकूल रहेंगे। शनि लग्न एवं राशि से अनुकूल रहेगा। यद्यपि जन्म राशि से विपरीत रहेगा, फिर भी उस स्थान पर भी आध्यात्मिक ख्याति में बढ़ौतरी करेगा। राम मंदिर निर्माण में भी पूर्ण सहयोग करेगा,  अन्य ग्रह भी सहयोगी की स्थिति में होंगे। भारतवर्ष की जन्मपत्री में चंद्रमा की महादशा में राहु की अंतर्दशा का समय चल रहा है। 


देश के लिए चीन की विस्तारवादी नीति एवं पाकिस्तान की धोखा नीति से यह समय विशेष मेल खाता है। देश के कर्णधारकों को इस विषय पर जीवनपर्यन्त सावधान रहने की आवश्यकता है। यद्यपि इसका असर प्रदेश पर नहीं पड़ेगा किन्तु तुच्छ दर्जे की तुच्छ व्यक्तियों की धोखा नीति से सावधान रहना होगा, जो सामाजिक ताने-बाने को बिगाडऩे का अथक प्रयास करेंगे जिसमें कुछ हद तक सफल भी होंगे, अत: हमारे विचार से योगी को इस प्रकार के व्यक्तित्व के लोगों से विशेष सावधान रहते हुए आध्यात्मिक सहयोग से आगे बढऩा विशेष लाभदायक रहेगा, जिसके दूरगामी परिणाम देश, प्रदेश तथा दल सभी के लिए लाभदायक होंगे तथा प्रदेश का चहुंमुखी विकास होगा।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News