देवी यशोदा जयंती कल: गृहक्लेश से लेकर संपत्ति तक हर समस्या का होगा अंत

punjabkesari.in Monday, Feb 05, 2018 - 01:28 PM (IST)

मंगलवार दि॰ 06.02.18 को फाल्गुन कृष्ण षष्ठी को भगवान कृष्ण की मां देवी यशोदा की जयंती मनायी जाएगी। इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप व देवी यशोदा के पूजन का विधान है। पौराणिक मतानुसार एक समय में यशोदा ने श्रीहरि की घोर तपस्या की, उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर विष्णु ने उन्हें वर मांगने को कहा। यशोदा ने बोले हे ईश्वर! मेरी तपस्या तभी पूर्ण होगी जब आप मुझे, मेरे पुत्र रूप में प्राप्त होंगे। भगवान ने प्रसन्न होकर उन्हें कहा कि आने वाले काल में मैं वासुदेव एवं देवकी के घर मैं जन्म लूंगा लेकिन मुझे मातृत्व का सुख आपसे ही प्राप्त होगा। समय के साथ ऐसा ही हुआ और कृष्ण देवकी व वासुदेव की आठवीं संतान के रूप में प्रकट हुए, क्योंकि कंस को मालूम था कि उनका वध देवकी एवं वासुदेव की संतान द्वारा ही होगा तो उन्होंने अपनी बहन एवं वासुदेव को कारावास में डाल दिया। जब कृष्ण का जन्म हुआ तो वासुदेव उन्हें नंद बाबा एवं यशोदा मैय्या के घर छोड़ आए ताकि कृष्ण का पालन-पोषण हो सके। इस दिन कृष्ण व यशोदा के विधिवत पूजन, व्रत व उपाय से निसंतान दंपत्ति को संतान सुख प्राप्त होता है, गृहक्लेश से मुक्ति मिलती है व संपत्ति से लाभ मिलता है।


विशेष पूजन विधि: यशोदा व बाल गोपाल के चित्र का विधिवत पंचोपचार पूजन करें। तांबे के दिए में तेल का दीप जलाएं, गूगल धूप करें, लाल फूल चढ़ाएं। रोली चढ़ाएं। गुड़ की खीर व तुलसी पत्र का भोग लगाएं। तथा चंदन की माला से इस विशेष मंत्र से 1 माला जाप करें। पूजन के बाद प्रसाद किसी गरीब को खिला दें।


पूजन मुहूर्त: दिन 12:13 से दिन 12:57 तक। 
पूजन मंत्र: ॐ यशोदा-वत्सलाय नमः॥ 


उपाय
संपत्ति से लाभ हेतु गेहूं से भरा तांबे का कलश कृष्ण मंदिर में चढ़ाएं।


गृहक्लेश से मुक्ति हेतु यशोदा-कृष्ण पर चढ़ी मौली घर के मेन गेट पर बांधें। 


संतान सुख की प्राप्ति हेतु यशोदा-कृष्ण पर चढ़ा कोंहड़ा (कद्दू) नाभि से वारकर चौराहे पर रखें।

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com


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