वृश्चिक संक्रांति: गरीब छात्रों में यह फल बांटने से मिलेगी परीक्षा में सफलता

punjabkesari.in Wednesday, Nov 15, 2017 - 09:25 AM (IST)

कल गुरुवार को मार्गशीर्ष कृष्ण त्रियोदशी तिथि पर सूर्यदेव के वृश्चिक राशि में आगमन पर वृश्चिक संक्रांति पर्व मनाया जाएगा। ज्योतिषशास्त्र अनुसार सूर्यदेव एक माह में राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्यदेव जब किसी राशि में प्रवेश करते हैंं तो उस काल को संक्रांति कहते हैं। हिंदू पंचांग अनुसार मार्गशीर्ष माह में जब सूर्य राशि परिवर्तन करते हैं तो उस संक्रांति को वृश्चिक संक्रांति कहते हैं। इस संक्रांति में सूर्य तुला से वृश्चिक राशि में प्रवेश करते हैं। भारतीय पंचांग अनुसार सूर्यदेव तुला राशि से वृश्चिक राशि में गुरुवार को दोपहर 12:36 पर प्रवेश करेंगे। यह संक्रांति गुरुवार पर पड़ने के कारण देव संक्रांति कहलाएगी। यह संक्रांति धार्मिक व्यक्तियों, वित्तीय कर्मचारियों, छात्रों व शिक्षकों के लिए अनुकूल रहेगी। वृश्चिक संक्रांति के विशिष्ट पूजन व उपाय से वित्तीय समस्याओं का निदान होता है, छात्रों की परीक्षा में सफलता मिलती है व शिक्षण कैरियर में सफलता मिलती है। 

 


विशेष पूजन विधि: प्रातः काल में सूर्यदेव का विधिवत दशोपचार पूजन करें। लाल तेल का दीप करें, गुग्गल की धूप करें, रोली, केसर, सिंदूर व आलता चढ़ाएं। लाल-पीले फूल चढ़ाएं, गुड़ में बने हलवे का भोग लगाएं तथा रोली, हल्दी व सिंदूर मिश्रित जल से सूर्यदेव को अर्घ्य दें। लाल चंदन की माला से इस विशेष मंत्र का 1 माला जाप करें। पूजन के बाद भोग प्रसाद रूप में वितरित करें। 

 


वृश्चिक संक्रांति का पुण्यकाल मुहूर्त: प्रातः 06:48 से दिन 12:36 तक रहेगा। 

 


महा पुण्यकाल मुहूर्त दिन: 12:12 से दिन 12:36 तक रहेगा। 

 


पूजन मुहूर्त: प्रातः 08:30 से प्रातः 09:30 तक है। (अमृत वेला)  

 


पूजन मंत्र: ॐ दिनकराय नमः॥

 

उपाय
परीक्षा में सफलता हेतु सूर्यदेव पर चढ़े खजूर गरीब छात्रों में बाटें।   

 


वित्तीय समस्याओं के निदान के लिए आलता से तिजोरी पर "ह्रीं" लिखें।

 


शिक्षण कैरियर में सफलता के लिए सूर्यदेव पर चढ़ा लाल रंग का पैन प्रयोग में लें।

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News