विनायक चतुर्थी: कल द्विमुखी गणपति के विशेष पूजन से सुलझेंगे समस्त संपत्ति विवाद

punjabkesari.in Sunday, Feb 18, 2018 - 10:29 AM (IST)

कल सोमवार दि॰ 19.02.18 फाल्गुन शुक्ल चतुर्थी पर विनायक चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। भविष्य पुराण, चतुर्वर्ग चिंतामणि व कृत्य-कल्पतरु शास्त्रों ने विनायक चतुर्थी को गणपति चतुर्थी कहकर संबोधित किया है। ज्योतिष्शास्त्र अनुसार गणेशजी चतुर्थी तिथि के स्वामी व केतु ग्रह के अधिपति हैं। मोक्षकारक ग्रह केतु मायावी ग्रह राहु से विरोधाभास रखता है। विनायक चतुर्थी का व्रत हर महीने में वार के अनुसार होता है। सोमवार पर पड़ने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को सोमवारीय विनायक चतुर्थी कहते हैं। सोमवारीय विनायक चतुर्थी पर गणेशजी के द्विमुखी स्वरूप के पूजन का विधान है। द्विमुखी गणपति के दोनों मुखों से वो सभी दिशाओं को देख सकते हैं। रक्तवस्त्र के रेशमी वस्त्र धरण किए हुए गणपती का वर्ण नील-हरित है। स्वर्ण मुकुट से सुसज्जित चतुर्भुजी गणपती के ऊपरी दाएं हाथ में अंकुश, निचले दाएं हाथ में वरद मुद्रा, ऊपरी बाएं हाथ में पाश व निचले बाएं हाथ में एक रत्नकुंभ धरण किए हुए हैं। ज्योतिषशास्त्र अनुसार द्विमुखी गणपति का संबंध श्रावण नक्षत्र से है। सोमवारीय विनायक चतुर्थी पर द्विमुखी गणपति के विशेष पूजन व उपाय से, मानसिक कष्ट से मुक्ति मिलती है, संपत्ति के विवाद में जीत मिलती है व गृहक्लेश शांत होते हैं। 


विशेष पूजन विधि: घर की गणपति का विधिवत पूजन करें। चावल के आटे से बने दिये में चौमुखी घी दीप करें, चंदन से धूप करें, सफेद फूल चढ़ाएं, चंदन से तिलक करें, चावल की खीर का भोग तथा रुद्राक्ष की माला से इस विशेष मंत्र का 1 माला जाप करें। पूजन के बाद चावल की खीर सफेद गाय को खिला दें।

पूजन मुहूर्त: प्रातः 09:50 से प्रातः 10:50 तक। 


पूजन मंत्र: गं गणपतये द्विमुखाय नमः॥

 

उपाय
मानसिक कष्टों से मुक्ति हेतु गणपति पर शतावरी चढ़ाएं। 

गृहक्लेश शांत करने हेतु गणपति पर चढ़े सफेद फूलों की माला घर के मेन गेट पर बांधें।

संपत्ति के विवाद में जीत हेतु गणपति पर चांदी का चौकौर टुकड़ा चढ़ाएं।

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

 


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