यहां जलाभिषेक करने से होते हैं पूरी दुनिया के दर्शन, मुर्दे में भी आ जाती है जान

punjabkesari.in Tuesday, Jul 25, 2017 - 10:47 AM (IST)

उत्तराखंड के देहरादून स्थित लाखामंडल में एक ऐसा शिवलिंग हैं, जहां जलाभिषेक करने से सृष्टि का स्वरूप दिखता है। माना जाता है कि इस शिवलिंग में अपनी तस्वीर देख लेने मात्र से ही सभी पापों का नाश हो जाता है। यह स्थान देहरादून से 128 किलमीटर दूर स्थित यमुना नदी के तट पर है।यहां खुदाई करने से विभिन्न आकार अौर ऐतिहासिक काल के शिवलिंग मिले हैं।
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लाखामंडल महाभारत काल की याद दिलाता है। कहा जाता है कि वनवास के समय पांडवों ने कुछ समय यहां बिताया था। पांडवों ने छिपने के लिए लाख का महल लाक्षागृह य़हां बनाया था।यहां से ‌बचकर भागने के लिए पांडवों ने सुरंग बनाई थी। कहा जाता है कि यह सुरंग हस्तिनापुर तक पहुंचती है। इसे सुरक्षा कारणों को देखते हुए अब बंद करवा दिया गया है।
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शिवलिंग के ठीक सामने दो द्वारपाल पश्चिम की तरफ मुंह करके खड़े दिखते हैं। ऐसी मान्यता है कि मंदिर में अगर किसी शव को इन द्वारपालों के सामने रखकर मंदिर के पुजारी उस पर पवित्र जल छिड़कें तो वह मृत व्यक्ति कुछ समय के लिए पुन: जीवित हो उठता है। जीवित होने के बाद वह भगवान का नाम लेता है और उसे गंगाजल प्रदान किया जाता है। गंगाजल ग्रहण करते ही उसकी आत्मा फिर से शरीर त्यागकर चली जाती है। लेकिन इस बात का रहस्य क्या है यह आज तक कोई नहीं जान अब ऐसा क्यों हैं यह बात आज तक एक रहस्य ही बना हुआ है।
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कहा जाता है कि यहां शिव की लाखों प्रतिमाएं मिलती हैं। देहरादून से 125 किमी दूर यमुना किनारे ‌मौजूद लाखामंडल में हल्की खुदाई करने पर कदम-कदम पर शिव लिंग निकलते हैं। जिसके कारण इस स्थान को आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की निगरानी में रखा गया है। यहां नए निर्माण पर भी रोक लगा दी गई है। यहां कुछ दूर पर लाक्षागृह गुफा है। जहां शेषनाग के फन के नीचे प्राकृतिक शिवलिंग के ऊपर टपकता पानी यहां की खासियत है।
 


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