जान से प्यारे रिश्ते जानी दुश्मन लगने लगे हैं, भाग्य का फेवर लेने के लिए आजमाएं

punjabkesari.in Thursday, Jun 22, 2017 - 01:36 PM (IST)

रिश्तों के दुरुस्त रहने के लिए जितना हमारे व्यक्तिगत गुण और संस्कार महत्व रखते हैं, उतना ही महत्व रखता है हमारा भाग्य और हमारे आसपास के वातावरण में मौजूद अदृश्य ऊर्जा शक्ति। भाग्य का फेवर लेने के लिए हम पंडित-ज्योतिषी को अपनी कुंडली दिखाते हैं तो कभी जल, तर्पण और दीप दान जैसे उपाय करते हैं। बावजूद इस सबके अगर हमारे आसपास का वातावरण नकारात्मक ऊर्जा से ग्रस्त है तो वह रिश्तों की मिठास निगल जाता है। वही रिश्ते जो हमें जान से प्यारे हैं, जानी दुश्मन लगने लगते हैं। प्रेमिका से विछोह या फिर आपकी लव स्टोरी में किसी तीसरे की एंट्री... यही नहीं यह नकारात्मक ऊर्जा बच्चों को मां-बाप से अलगाव कर देती है... छोटे दिल से दूर हो जाते हैं तो बड़े आंखों में चुभने लगते हैं। 


आवश्यक वास्तु टिप्स 
बिस्तर के सामने आईना न लगाएं। 


पलंग शयनकक्ष के दरवाजे के सामने नहीं होना चाहिए।


डबलबेड के गद्दे जुड़े हुए होने चाहिए (दो अलग अलग ना होकर एक ही बड़ा गद्दा होना चाहिए।


शयनकक्ष के दरवाजे करकराहट की आवाजें नहीं करने चाहिए।


शयनकक्ष में धार्मिक चित्र नहीं लगाने चाहिए।


पलंग का आकार यथासंभव चोकोर रखना चाहिए।


पलंग की स्थापना छत के बीम के नीचे नहीं होनी चाहिए।


शयनकक्ष में रखा हुआ पलंग लकड़ी से बना हो श्रेष्ठ रहता है। लोहे से बने पलंग वर्जित कहे गए हैं।


रात्रि में सोते समय नीले रंग का नाईट लेम्प जलाकर सोना श्रेष्ठ रहता है।


कभी भी सिरहाने पानी का जग अथवा ग्लास रखकर न सोएं।
 


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