इंसानियत की रक्षा के लिए अंग्रेज ने किया अपनी जान के साथ खिलवाड़

punjabkesari.in Thursday, Jul 06, 2017 - 10:03 AM (IST)

यह उस समय की बात है जब हमारा देश आजाद नहीं हुआ था। पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में एक अंग्रेज जज थे- मिस्टर किली। उनका एक भारतीय नौकर था। एक बार वह नौकर बाजार से सामान लेकर आ रहा था कि बंगले के बाहर एक पागल कुत्ते ने उसे काट लिया। नौकर के रोने की आवाज सुन जज साहिब उसके पास आए। जज साहिब ने तुरंत कुत्ते के काटने की जगह पर अपना मुंह लगा दिया और सारा विषैला खून चूस कर उगल दिया।


बाद में मरहम-पट्टी करने के बाद उसे वह एक अंग्रेज डाक्टर के पास ले गए। डाक्टर ने जब पूरा वाक्या सुना तो आश्चर्यचकित रह गए और बोले, ‘‘आपने बेवकूफी की है। इससे तो आपकी जान भी जा सकती थी। आपने अंग्रेज होकर एक मामूली हिन्दुस्तानी नौकर के लिए अपनी जान के साथ खिलवाड़ क्यों किया।’’ 


जज साहिब मुस्कुराकर बोले, ‘‘यह हमारा नौकर जरूर है लेकिन उसमें हमसे और आपसे ज्यादा इंसानियत है और इंसानियत की रक्षा के लिए मैं जान भी दे सकता हूं।’’


डाक्टर की समझ में कुछ नहीं आया। उसने कहा, ‘‘आप क्या पहेली बुझा रहे हैं, मैं समझ नहीं पा रहा। थोड़ा समझाकर कहें।’’ 


जज साहिब ने बताया, ‘‘एक बार मैं इसको साथ लेकर दूर गया था। सुनसान रास्ते में कुछ बदमाशों ने मेरी हत्या करने की कोशिश की लेकिन इसने अपनी जान की परवाह नहीं की और मुझे बचाने के लिए बदमाशों से भिड़ गया। उनके हाथ में चाकू था और उनसे छीना-झपटी में इसको गहरी चोट लगी।’’


हमलावर उससे बार-बार कह रहे थे कि तुम हिन्दुस्तानी हो, तुम भाग जाओ। इसने कहा कि मैं मालिक को छोड़ कर नहीं जा सकता। अब आप बताएं कि आज मुझे क्या करना चाहिए था। इसे बचाना क्या मेरा कर्तव्य नहीं था। इसे कुछ हो जाता तो इंसानियत कलंकित हो जाती। यह पूरा वाक्या सुनकर डाक्टर का सिर झुक गया।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News