व्यापार को नजर लगने की ये है सबसे बड़ी पहचान

punjabkesari.in Wednesday, Jan 10, 2018 - 10:38 AM (IST)

किसी को आगे बढ़ते देखकर बहुत कम लोग होंगे जिन्हें प्रसन्नता होती होगी अन्यथा अधिकांश लोगों के मन में जलन एवं ईर्ष्या की भावना उत्पन्न होने लगती है। दूसरे लोगों की बात छोड़ दें तो अपने ही निकट के संबंधी यहां तक कि स्वयं के भाई भी इस प्रगति को सहन नहीं कर पाते। मन में उठती ईर्ष्या एवं जलन की भावनाएं कभी-कभी किसी क्षण में नजर दोष का कारण बन जाती हैं और व्यक्ति का अच्छा-खासा चलने वाला व्यापार समस्याओं में आने लगता है। परिणामस्वरूप लाभ के स्थान पर विभिन्न रूपों में हानि और कष्टकारक समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है। 


व्यापार को नजर लगने की एक सबसे बड़ी पहचान यह हो सकती है कि अच्छी गति से चलने वाला व्यवसाय धीरे-धीरे कम होने लगता है। चूंकि व्यवसाय के अच्छी गति से चलने पर ही अधिक लाभ की प्राप्ति होती है, इसलिए जब व्यवसाय की गति कम हो जाएगी तो फिर लाभ मात्रा भी कम होने लगेगी। लाभ के कम होने की गति जब निरंतर बनी रहती है तो एक दिन ऐसा भी आता है जब हानि का प्रारंभ हो जाता है। यह स्थिति अत्यंत घातक सिद्ध होती है। व्यक्ति की समझ में ही नहीं आता कि ऐसा क्यों हो रहा है और उसे अब क्या करना चाहिए? अनेक व्यक्ति तो इस हालत में निराश और हताश से हो जाते हैं।


समस्या निवारण के उपाय
अपने व्यवसाय स्थल पर एक पूजाघर अवश्य स्थापित करें। पूजाघर में विधि-विधान से दक्षिणावर्त शंख की स्थापना कराएं। प्रतिदिन शंख में जल भरें। दूसरे दिन शंख में भरे जल से अपने प्रतिष्ठान पर हल्के-हल्के छींटे दें और फिर शेष जल को पीपल के वृक्ष में डाल दें और फिर इसमें जल भरकर पूजा आदि करें।


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