आज ही करें ये सरल उपाय, धन में वृद्धि अौर रोगों से मिलेगी मुक्ति

punjabkesari.in Sunday, Jun 11, 2017 - 01:16 PM (IST)

हर व्यक्ति की चाह होती है कि उसका जीवन खुशियों से भरपूर हो। जिसके लिए वह हर संभव कोशिश भी करता है। लेकिन फिर भी उसे सफलता नहीं मिलती। यदि व्यक्ति अपना थोड़ा समय निकाल कर यहां बताएं उपाय अौर मंत्रों का जाप करें तो उसे जीवन की तमाम खुशियों की प्राप्ति हो सकती है। इन सरल उपायों से जहां पारिवारिक कलह दूर होंगे, वहीं धन में वृद्धि अौर रोगों से मुक्ति मिलेगी। 

पारिवारिक सदस्यों के मध्य प्रेम में वृद्धि
पारिवारिक सदस्यों के मध्य वाद-विवाद होने से घर में अशांति का माहौल रहता है। कई बार ये छोटे-छोटे विवाद बड़ी घटना का रुप भी ले लेता है। इसके लिए प्रतिदिन सूर्योदय के समय घर के उस बर्तन से जल लें जिससे सभी सदस्य पानी पीते हों। उस जल को घर के हर कमरे, छत अौर स्थान पर छिड़कें। जब ये काम कर रहे हों तो किसी से बात न करें। उस समय अपने मन में ऊँ शांति ऊँ मंत्र का जाप करते रहें। ऐसा करने से कुछ दिनों के बाद समस्या दूर हो जाएगी। 

धन व बरकत में वृद्धि
रास्ते में कोई किन्नर नजर आए तो उसे इच्छानुसार कुछ रुपए दें। यदि संभव हो सके तो उसे भोजन भी करवाएं। उसके बाद किन्नर से एक सिक्का मांग लें, लेकिन सिक्का आपका दिया हुआ नहीं होना चाहिए। इस सिक्के को अपने गल्ले या धन वाले स्थान में रख दें। इस उपाय को करने से धन अौर बरकत में वृद्धि होगी। 

रोगों से मुक्ति
सोमवार के दिन शिवालय जाकर शिवलिंग पर दूध अौर काले तिल अर्पित करें। अभिषेक के लिए तांबे के पात्र को छोड़कर किसी अन्य धातु के बर्तन का उपयोग करें। अभिषेक के समय ऊँ जूं स: मंत्र का जाप करें। उसके बाद भोलेनाथ से रोग निवारण हेतु प्रार्थना करें। भगवान शिव की कृपा से शीघ्र ही रोगों से मुक्ति मिल जाएगी। 

बुद्धि में वृद्धि
प्रतिदिन सुबह शीघ्र उठकर स्नानादि कार्यों से निवृत्त होकर तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक प्रज्वलित करें। उसके बाद कुश के आसन्न पर बैठकर तुलसी की माला से नीचे लिखे मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। इस मंत्र को विधि-विधान से करने पर व्यक्ति की बुद्धि तेज होती है।   

सर्वस्य बुद्धिरूपेण जनस्थ ह्रदि संस्थिते।
स्वर्गापवर्गके देवि नारायाणि नमोस्तुते।।


मनचाही नौकरी की प्राप्ति
किसी भी शनिवार के दिन मंदिर में जाकर रामभक्त हनुमान जी को सवा किलो मोतीचूर के लड्डुओं का भोग लगाएं। उनके सामने घी का दीपक प्रज्वलित करें। उसके बाद मंदिर में ही बैठकर लाल चंदन की या मूंगा की माला से इस चौपाई का 108 बार जाप करें। इसके बाद इस चौपाई का अपने ही घर के मंदिर में 40 दिनों तक प्रतिदिन 108 बार जाप करें। ऐसा करने से व्यक्ति को मनचाही नौकरी की प्राप्ति होगी। 

कवन सो काज कठिन जग माही।
जो नहीं होय तात तुम पाहिं।।

 


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