श्मशान में किए गए ये प्रयोग करेंगे धन से लेकर रोगों तक हर समस्या का हल

punjabkesari.in Monday, May 29, 2017 - 10:43 AM (IST)

श्मशान साधना का प्रयोग मारण तथा अन्य अनैतिक कार्यों के लिए किया जाता है पर ऐसा करना कल्याणकारी नहीं है। तंत्र या सिद्धियों के द्वारा किसी का अहित करना अमानवीय कार्य है। तंत्र द्वारा प्राप्त सिद्धियों और सफलताओं का प्रयोग कल्याण के लिए ही होना चाहिए। अकल्याण करने का फल साधक को कालांतर में स्वयं भोगना पड़ता है। लाल किताब में वर्णित एक ऐसा उपाय है जिसे करने से लक्ष्मी कभी भी घर से बाहर नहीं जाती। मिट्टी का कोई भी बर्तन लेकर श्मशान जाएं और वहां से उस बर्तन में पानी भरकर अपने घर ले आएं। उस बर्तन में चांदी का एक चौरस टुकड़ा डालकर घर की पूर्व दिशा में रख दें और परिवार के सभी सदस्यों को हिदायत दे दें की कोई भी उससे छेड़छाड़ न करे। संभव हो तो यह उपाय चन्द्रमा के अष्टम भाव में ही करें। इस दौरान किया गया यह उपाय आति शीघ्र फल देता है। धन से संबंधित कोई भी समस्या घर में शेष न रहेगी। मां लक्ष्मी की कृपा रहेगी। 
 
 
अन्य उपाय करना चाहें तो मां अपने हाथों से चावल का एक दाना या चांदी का टुकड़ा अपनी संतान को भेंट स्वरूप दे। संतान इसे संभाल कर रखे धन संबंधित कोई भी समस्या जीवन में कभी सिर नहीं उठाएगी।


साधक श्मशान के किसी भाग में धान की बलियां रोप दे और उनका निम्नलिखित रूप से उपयोग करे-

ज्वर पीड़ित व्यक्ति का ज्वर इलाज के बावजूद न जा रहा हो, तो धान के चावल को पकाकर केवल मांड पिला देने से किसी भी प्रकार के लाइलाज ज्वर से छुटकारा मिल जाता है। केवल एक बार ही ऐसा करने की आवश्यकता होती है।


श्मशान में उत्पन्न इन चावलों का प्रयोग तंत्र, मंत्र में भी किया जाता है। इन चावलों का हल्दी मिला टीका लगाकर बाहर जाने वाले जातक का प्रयोग कार्य सफल होता है।


इन चावलों के केवल पांच कच्चे दाने पीसकर छोटे शिशु को चटा देने से सांस चलने, पेट फूलने, दांत आने के दर्द और दूध न हजम होने जैसे शिशु रोगों की तत्काल शांति हो जाती है।


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