ये हैं गंगा मैय्या के मुख्य नाम, जानिए इन नामों से जुड़ी कहानी

punjabkesari.in Saturday, Nov 18, 2017 - 04:55 PM (IST)

हिंदू धर्म में गंगा नदी एक विशेष स्थान रखती है, इसे मां स्वरुप माना जाता है। ग्रंथों में गंगा के अनेकों नाम का विवरण मिलता है, गंगा स्त्रोत में भी गंगा के 108 नाम बताए गए है। जिनके होने के पीछे के कोई न कोई कारण व कहानी है। जानते हैं गंगा से जुड़ी कुछ ऐसी रोचक बातें जो बहुत कम लोग जानते हैं।

 


जान्हवी
एक बार जह्नु ऋषि यज्ञ कर रहे थे और गंगा के वेग से उनका सारा सामान बिखर गया। गुस्से में उन्होंने गंगा का सारा पानी पी लिया। जब गंगा ने क्षमा मांगी तो उन्होंने अपने कान से उन्हें वापस बाहर निकाल दिया और अपनी बेटी मान लिया। इसलिए इन्हें जान्हवी कहा जाता है।

 

शिवाया
गंगा नदी को शिवजी ने अपनी जटाओं में स्थान दिया है। इसलिए इन्हें शिवाया नाम से जाना जाता है।

 

पंडिता 
ये नदी पंडितों के सामान पूजनीय है इसलिए गंगा स्त्रोत में इसे पंडिता समपूज्या कहा गया है।

 

मुख्या
गंगा भारत की सबसे पवित्र और मुख्य नदी है। इसलिए इसे मुख्या भी कहा जाता है।

 


हुगली
हुगली शहर के पास से गुजरने के कारण बंगाल क्षेत्र में इसका नाम हुगली पड़ा। कोलकत्ता से बंगाल की खाड़ी तक इसका यही नाम है।

 


उत्तर वाहिनी
हरिद्वार से फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर होते हुए गंगा इलाहाबाद पहुंचती है। इसके बाद काशी (वाराणसी) में गंगा एक वलय लेती है, जिस वजह से ये यहां उत्तरवाहिनी कहलाती है।

 


मंदाकिनी
गंगा को आकाश की और जाने वाली माना गया है इसलिए इसे मंदाकिनी कहा जाता है। आकाश में फैले पिंडों व तारों के समुह को जिसे आकाश गंगा कहा जाता है। वह गंगा का ही रूप है।

 


दुर्गाय
माता गंगा को दुर्गा देवी का स्वरुप माना गया है। इसलिए गंगा स्त्रोत में इन्हें दुर्गाय नमः भी कहा गया है।

 


त्रिपथगा
गंगा को त्रिपथगा भी कहा जाता है। त्रिपथगा यानी तीन रास्तों की और जाने वाली। यह शिव की जटाओं से धरती, आकाश और पाताल की तरफ गमन करती है।

 


 
भागीरथी
पृथ्वी पर गंगा का अवतरण राजा भागीरथ की तपस्या के कारण हुआ था। इसलिए पृथ्वी की ओर आने वाली गंगा को भागीरथी कहा जाता है।


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