महाभारत: ये 6 लोग खुद ही बनते हैं अपने दुख व बीमारी का कारण

punjabkesari.in Saturday, Jan 06, 2018 - 12:49 PM (IST)

जिंदगी में अपनी मनचाही चीज को पाने से हमें जितनी खुशी मिलती है, उतना ही उस चीज को खोने पर दुख होता है। जहां पाने के लिए कोशिशों की अहमियत दी जाती है। वहीं खामियां या थोड़ी सी चूक बहुत कुछ खोने या दु:ख की वजह बन जाती है। परंतु अक्कर व्यक्ति परेशानियों में अपनी गलती ढूढने की बजाए दूसरों को उसका जिम्मेवार बना देता है। हिंदू धर्म शास्त्रों में इंसान के सोच और बर्ताव को सही और संतुलित करने के लिए अनेक सूत्र उजागर हैं, जिनसे हर व्यक्ति अपने दुख के कारण जानकर सुखी- सुखी जीवन गुजार सकता है।


हिंदू महाग्रंथ महाभारत में स्वभाव से जुड़ी कुछ ऐसी ही 6 बातें बताई गई हैं, जिनकी वजह से कई व्यक्ति खुशियों के मौके पर भी हमेशा ही दुखी रहते हैं, जिससे उनकी सेहत व उम्र पर बुरा असर पड़ता है। लेकिन अगर व्यक्ति इन स्वाभाविक दोषों को अपने जीवन से दूर कर ले तो हर वह अपने व्यावहारिक जीवन में बेहतर बदलाव ला सकता है।


महाभारत में लिखा है श्लोक–
ईर्ष्या घृणो न संतुष्ट: क्रोधनो नित्यशङ्कित:।
परभाग्योपजीवी च षडेते नित्यदु:खिता:।।


अर्थात: स्वभाव में 6 दोष होने पर व्यक्ति गम और परेशानियों से घिरा रहता है। ये 6 बातें जान सावधान रहकर अपने स्वभाव व सोच पर गौर करें-


 
1.क्रोधी यानी गुस्सैल व्यक्ति
2.हमेशा शंका करने वाला
3.दूसरे के भाग्य पर जीवन जीने वाला यानी दूसरों पर पर आश्रित या सुखों पर जीवन बिताना
4.ईर्ष्या यानी जलन रखने वाला
5.घृणा यानी नफरत करने वाला
6.असंतोषी यानी हर बात में कमी ढूंढने वाला या संतोष न करने वाला


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