देश के महत्वपूर्ण नेताओं की सुरक्षा को 30 अप्रैल 2018 तक खतरा

punjabkesari.in Tuesday, Sep 19, 2017 - 09:00 AM (IST)

प्रधानमंत्री मोदी के लिए समय सावधानी वाला, आर्थिक स्थिति पर दबाव और बढऩे के आसार

 

देश के महत्वपूर्ण नेताओं की सुरक्षा को 30 अप्रैल 2018 तक भारी खतरा है तथा इसे देखते हुए प्रमुख नेताओं की सुरक्षा को और कड़ा बनाए जाने की जरूरत है। भारत इस समय चंद्र महादशा में राहु की अन्तर्दशा से गुजर रहा है। राहु लग्न कुंडली में काल सर्प योग बनाए बैठा है। नवांश तथा दशमांश कुंडली में भी राहु 12वें घर में है। कनाडा के ज्योतिषी प्रो. पवन कुमार शर्मा के अनुसार गोचर में राहु तीसरे भाव में चंद्रमा, सूर्य, शुक्र, बुध, शनि और प्लूटो के ऊपर से संचार कर रहा है। 


कुल मिलाकर राहु पर संचार अशुभ है, जो नई समस्याओं को उभारेगा, इसलिए 18 अगस्त 2018 तक का समय केन्द्र सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा। सरकार के निर्णयों की जनता में विरोधता होगी। केन्द्र के मंत्रियों, नेताओं व अधिकारियों को झटका लगेगा। उन्होंने कहा कि राहु की अन्तर्दशा में जन्मकुंडली में नौवें तथा दसवें भाव का स्वामी शनि लग्न और जन्म के राहु से 8वें स्थान पर 13 अक्तूबर 2017 को आ जाएगा। शनि पर 12वें भाव के स्वामी मंगल की दृष्टि रहेगी। शनि तथा मंगल आमने-सामने रहेंगे, इसलिए यह समय ज्योतिषीय दृष्टि से कतई उचित नहीं है। 


उन्होंने कहा कि 26 अक्तूबर को शनि के लगन और अन्तर्दशा स्वामी राहु से 8वें स्थान पर मंगल के सामने आने से जनता में सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ेगी। केन्द्र सरकार की आर्थिक स्थितियों को तगड़ा झटका लगने वाला है तथा इसमें और कमजोरी आ जाएगी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों में टूट-फूट बढ़ेगी। शेयर बाजार पर दबाव बढ़ेगा। युवा वर्ग अपने मुद्दों को लेकर आंदोलनों पर उतर आएगा। 9वें भाव का स्वामी शनि अपनी राशि से 12वें और लग्न से 8वें स्थान पर रहेगा, जो सरकार की गतिविधियों को प्रभावित करेगा। 


केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के शत्रु उनके खिलाफ षडय़ंत्र रच सकते हैं। अगर भाजपा केन्द्र में समय से पहले लोकसभा चुनाव करवाने का फैसला लेती है तो उसको भी एक बड़ा झटका लग सकता है। मोदी के लिए 30 अप्रैल 2018 तक का समय काफी चुनौतीपूर्ण रहेगा। उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ कांग्रेस का समय 12 सितम्बर से अनुकूल शुरू हो चुका है। 26 अक्तूबर से कांग्रेस के सितारे और भी बेहतर नतीजे देना शुरू कर देंगे। उसके नेताओं का उत्साह बढ़ेगा। कुछ राज्यों में राज्यपालों को बदला जाएगा जबकि राज्यों में भी हिंसक टकराव के आसार बढ़ेंगे। आतंकी हमले बढ़ेंगे तथा प्राकृतिक आपदाओं से भी खतरा बढ़ेगा।


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