नेता वही बन सकता है जो हर स्थिति में विवेक से काम ले

punjabkesari.in Saturday, Feb 24, 2018 - 04:00 PM (IST)

अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति टॉमस जैफरसन का जीवन बचपन में बहुत साधारण था। इनका जन्म एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। शायद इसीलिए वे मजदूरों के लिए में दया भाव अधिक रखते थे। वे उनकी मुश्किलों को बहुत अच्छे से जानते थे और चाहते थे कि अमेरिका में एक आदर्श कृषि प्रधान समाज की स्थापना हो। राष्ट्रपति बनने के बाद भी जैफरसन सादगी पसंद करते थे। वे उच्चवर्गीय जीवनशैली से दूर रहकर साधारण लोगों की तरह ही रहे। उन्हीं दिनों जैफरसन एक बड़े होटल में अकेले गए और वहां ठहरने के लिए होटल मालिक से एक कमरा मांगा। वे उस समय किसानों जैसी साधारण वेशभूषा में थे और साथ में चलने वाला राष्ट्रपति का लाव-लश्कर भी नहीं था।


इसलिए होटल मालिक ने उन्हें सामान्य इंसान समझकर कमरा देने से इंकार कर दिया। जैफरसन ने अपना असली परिचय नहीं दिया और चुपचाप वहां से चले गए। उनके जाने के बाद वहीं उपस्थित एक व्यक्ति ने होटल मालिक को उनका असली परिचय दिया, क्योंकि वह जैफरसन को पहचानता था। होटल मालिक को अपनी भूल का अहसास हुआ और उसने तत्काल अपने नौकर को जैफरसन को वापस बुलाने के लिए दौड़ाया।


जैफरसन अधिक दूर नहीं गए थे। नौकर ने उन्हें रोका और अपने मालिक की तरफ से उनसे माफी मांगते हुए होटल चलने की प्रार्थना की, लेकिन जैफरसन ने मना करते हुए कहा, 'जाकर अपने मालिक से कह देना कि तुम्हारे होटल में एक किसान के लिए जगह नहीं है, तो भला उसमें राष्ट्रपति कैसे ठहर सकता है?' यह कहकर जैफरसन दूसरे होटल में चले गए। अपने से ज्यादा जनता का ख्याल रखने वाला ही सच्चे अर्थों में राजा होता है। तुलसीदास ने इसीलिए कहा है, मुखिया मुख सो चाहिए, खानपान को एक। पालइ पोसई सकल अंग, तुलसी सहित विवेक।'


सीख- जो हर निर्णय लेने से पहले सिर्फ अपने बारे में नहीं अपने से जुड़े सभी लोगों के बारे में भी सोचे वही लोकप्रिय नेता बन सकता है।


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