जानिए, कैसे हुआ था हनुमान जी का विवाह, यहां पत्नी संग हैं विराजमान

punjabkesari.in Tuesday, Jun 06, 2017 - 12:51 PM (IST)

रामभक्त हनुमान के बहुत सारे मंदिर हैं। हर मंदिर में हनुमान जी अकेले ही विराजमान हैं क्योंकि सभी जानते हैं कि वे अविवाहित और ब्रह्मचारी हैं। लेकिन भारत में एक ऐसा मंदिर है, जहां हनुमान जी को उनकी पत्नी के साथ पूजा जाता है। हैदराबाद से लगभग 220 कि.मी. की दूरी पर तेलंगाना राज्य के खम्मम जिले में एक प्राचीन मंदिर है।जहां हनुमान जी अपनी पत्नी सुवर्चला के साथ विराजमान हैं। माना जाता है कि जो भी भक्त हनुमान जी अौर उनकी पत्नी के दर्शन करता है, उनके वैवाहिक जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती है अौर पति-पत्नी के मध्य प्रेम बना रहता है। 
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प्राचीन ग्रंथ पाराशर संहिता के अनुसार भगवान सूर्यदेव के पास 9 विद्याएं थीं। जिनका ज्ञान हनुमान जी पाना चाहते थे। सूर्यदेव ने हनुमान जी को 5 विद्याअों का ज्ञान दे दिया लेकिन 4 विद्याएं एक कारण से हनुमान जी को न दे सके। 4 बची हुई विद्याअों का ज्ञान केवल उन्हीं शिष्टों को दिया जा सकता था जो वैवाहिक हों। लेकिन हनुमान जी तो ब्रह्मचारी थे। इसी वजह से सूर्यदेव हनुमान जी को 4 विद्याअों का ज्ञान नहीं दे सके। लेकिन हनुमान जी सभी विद्याअों को लेने का प्रण ले चुके थे, वे सारी विद्याएं पाना चाहते थे। सूर्यदेव ने हनुमान जी को विवाह करने की बात कही। हनुमान जी अपना  ब्रह्मचर्य खोना नहीं चाहते थे इसलिए उन्होंने विवाह से मना कर दिया। सूर्यदेव के समझाने पर हनुमान ने बची हुई चार बची हुई विद्याअों को पाने के लिए विवाह के लिए हां कर दी। 

सूर्यदेव ने हनुमान जी के सामने अपनी पुत्री सुवर्चला से विवाह का प्रस्ताव रखा। सुवर्चला एक महान तपस्वी थी। भगवान सूर्यदेव ने हनुमान जी को विवाह के बाद भी ब्रह्मचारी होने का भरोसा दिया। सूर्यदेव ने हनुमान जी को बताया कि सुवर्चला के साथ विवाह के बाद भी आप ब्रह्मचारी रहोगे क्योंकि विवाह के बाद सुवर्चला फिर से अपनी तपस्या में लीन हो जाएगी। जिसके बाद हनुमान जी ने सुर्वचला से विवाह कर लिया अौर बची हुई चार विद्याअों का ज्ञान प्राप्त कर लिया। विवाह के तुरंत बाद सुवर्चला फिर से अपनी तपस्या में लीन हो गई। इस प्रकार हनुमान जी विवाह के बाद भी ब्रह्मचारी बने रहे। 
 


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