मथुरा में तीन वन परिक्रमा आज से आरंभ, प्रशासन ने किए विशेष बंदोबस्त

punjabkesari.in Tuesday, Oct 31, 2017 - 07:37 AM (IST)

उत्तर प्रदेश के मथुरा में तीन वन की 18 कोसी परिक्रमा करने के लिए ब्रजवासियों एवं तीर्थयात्रियों में एक प्रकार से होड़ मच जाती है। इस बार यह परिक्रमा 31 अक्टूबर से शुरू होगी। मशहूर भागवताचार्य विभू शर्मा ने बताया कि द्वापर में कंस बंध का प्रायश्चित करने के लिए श्यामसुन्दर ने स्वयं तीन वन की परिक्रमा की थी, क्योंकि उन्हें यह पता था कि राधारानी उन्हें तब तक स्वीकार नही करेंगी जब तक वह हत्या के दोष से मुक्त नहीं हो जाएंगे।  श्री शर्मा ने बताया कि कंस बध में चतुर्वेद समाज ने श्यामसुन्दर की मदद की थी इसलिए बाद में चतुर्वेद समाज ने देवष्ठान एकादशी को प्रायश्चित स्वरूप तीन वन की परिक्रमा करना शुरू कर दिया। यह परिक्रमा दैहिक, दैविक एवं भौतिक ताप से मुक्ति भी दिलाती है इसलिए समय के अंतराल में इससे लोग जुड़ते गए और आज लाखों लोग देवष्ठान एकादशी पर 55 किलोमीटर लंबी तीन वन की परिक्रमा करते हैं।


नगर आयुक्त उज्वल कुमार ने बताया कि 55 किलोमीटर लंबे परिक्रमा मार्ग को पूरी तरह से समतलीकरण कर दिया गया है। परिक्रमा मार्ग पर प्रकाश की समुचित व्यवस्था की गई है। यह परिक्रमा आधी रात बाद ही शुरू होगी और दूसरी रात 12 बजे तक चलती है।  उन्होंने बताया कि पूरे परिक्रमा मार्ग में पेयजल की समुचित व्यवस्था की गई है। शुद्ध खा़द्य पदार्थों की बिक्री को सुनिश्चित किया जा रहा है। खुले में शौच जाने से रोकने के लिए पूरे परिक्रमा मार्ग में अस्थाई शौचालय लगाए गए हैं। परिक्रमा मार्ग के संकेत भी लगाए जा रहे हैं। दुर्घटना रोकने के लिए भूतेश्वर रेलवे स्टेशन पर रेलवे लाइन से होकर परिक्रमा करने पर रोक लगा दी गई है। भूतेश्वर पर परिक्रमा मार्ग में मामूली परिवर्तन किया गया है।  श्रीकृष्ण जन्मस्थान के जनसंपर्क अधिकारी विजय बहादुर सिंह ने बताया कि पिछले सालों की तरह इस साल भी संस्थान की ओर से परिक्रमा मार्ग पर मेडिकल कैंप लगाए जाएंगे जहां पर नि:शुल्क दवाइयां भी दी जाएंगी।  मुख्य चिकित्सा अधिकारी एस के त्यागी ने बताया कि परिक्रमा मार्ग पर पांच एंबुलैंस लगाई गई है। वहां दवाइयों के साथ-साथ चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ भी मौजूद रहेगा।
 


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