माघ मास आरंभ, इन तिथियों पर मिलेगा अक्षय पुण्य

punjabkesari.in Tuesday, Jan 02, 2018 - 01:06 PM (IST)

आज 2 जनवरी, मंगलवार से माघ मास का आरंभ हो गया है, जो 31 जनवरी, बुधवार तक रहेगा। भारतीय संवत्सर का ये ग्यारहवां चंद्रमास व दसवां सौरमास है। एक महीने तक स्नान, दान, तप व उपवास का खास महत्व है। इस माह अक्षय पुण्य हासिल करने के लिए बहुत सारी शुभ तिथियों का आगमन होगा। 


षटतिला एकादशी- माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। श्री हरि को प्रसन्न करने का सरलतम माध्यम है षटतिला एकादशी पर तिल अथवा उससे बनी चीजों का दान, इससे पापों का नाश होता है। इस दिन काले तिलों के दान का विशेष महत्व है। शरीर पर तिल के तेल की मालिश, तिल जल स्नान, तिल जलपान तथा तिल पकवान का सेवन करने पर घोर से घोर पाप का नाश होता है। शास्त्रों में भी कहा गया है-
 
तिलस्नायी तिलोद्वार्ती तिलहोमी तिलोद्की। तिलभुक् तिलदाता च षट्तिला: पापनाशना:।।

अर्थात-  तिल का उबटन लगाकर, जल में तिल मिलाकर स्नान करना, तिल से हवन करना, पानी में तिल को मिलाकर पीना, तिल से बने पदार्थों का भोजन करना और तिल अथवा तिल से बनी चीजों का दान करने से सभी पापों का नाश होता है।


कृष्ण पक्ष की मौनी अमावस्या- पुराणों के अनुसार अमावस्या तिथि के देव पितृ माने जाते हैं इसलिए इस दिन पितृों के नाम का शुद्ध शाकाहारी भोजन किसी जनेऊधारी ब्राह्मण को अर्पित करें अगर संभव न हो तो खीर ही अर्पित कर दें।


अचला सप्तमी- माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को अचला सप्तमी, सूर्य सप्तमी, आरोग्य सप्तमी या पुत्र सप्तमी के नाम से जाना जाता है। युधिष्ठिर को इस तिथि का महत्व बताते हुए भगवान श्रीकृष्ण ने कहा था की इस तिथि पर स्नान-दान, पितरों के तर्पण व सूर्य पूजा एवं वस्त्रादि दान करने वाला बैकुंठ में स्थान पाता है।


भीमाष्टमी- माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को भीष्म अष्टमी नाम से जाना जाता है। महाभारत में कहा गया है, जो व्यक्ति माघ शुक्ल अष्टमी के दिन भीष्म पितामह के निमित्त तर्पण, जलदान आदि करेंगे उनके वर्ष भर के पाप नष्ट हो जाएंगे।


माघ पूर्णिमा- माघ पूर्णिमा पर चंद्रदेव बरसाते हैं अमृत। इस तिथि पर स्नान और दान करने से सूर्य-चंद्रमा युक्त दोषों से निजात मिलता है। सफलता हेतु दूध में मिश्री मिलाकर सफ़ेद शिवलिंग पर अभिषेक करें । 


इसके अतिरिक्त संपूर्ण भारत के प्रमुख तीर्थों पर माघ मास में मेलों का आयोजन होता है। प्रयाग, हरिद्वार, उत्तरकाशी आदि स्थलों पर लगने वाला माघ मेला तो बहुत विख्यात है। 


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