शुक्रनीति: खुशहाल जीवन यापन के लिए इन बातों को रखें गुप्त

punjabkesari.in Sunday, Mar 26, 2017 - 03:35 PM (IST)

शुक्राचार्य महान ज्ञानी अौर अच्छे नीतिकार थे। शुक्र नीति में धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, सैन्य, व्यवस्था, राज्य कार्य, जीवन शैली आदि कई विषयों से संबंधित बातों का उल्लेख है। जिन पर अमल करके खुशहाल जीवन यापन किया जा सकता है। शुक्रनीति में शुक्राचार्य ने ऐसी बातें बताई हैं जिन्हें दूसरों से गुप्त रखना चाहिए।

आयुर्वित्तं गृहच्छिद्रं मंत्रमैथुनभेषजम्।
दानमानापमानं च नवैतानि सुगोपयेतू।।


कुछ लोगों में अपने मान-सम्मान के दिखावे की आदत होती है। शुक्र नीति के अनुसार मान-सम्मान का दिखावा करने से लोगों की नजर में आपके लिए नफरत का भाव आ जाता है। इस आदत की वजह से आपके अपने भी आपसे दूरियां बना सकते हैं। 

व्यक्ति को कई बार अपमान का सामना करना पड़ता है। लेकिन उसे ये बात सभी से छिपा कर रखनी चाहिए। ये बात दूसरों को पता लगने पर वे भी अपका सम्मान करना छोड़ देते हैं। जिसके कारण व्यक्ति हंसी का पात्र बन जाता है। 

लोग प्रभु कृपा के लिए प्रतिदिन पूजा-पाठ करते हैं। लेकिन वे पूजा में जिन मंत्रों का उच्चारण करते हैं, उन्हें दूसरों से गुप्त रखना चाहिए। कहा जाता है कि पूजा-पाठ व मंत्रों को गुप्त रखने से ही पुण्य की प्राप्ति होती है। 

धन से कई सुख-सुविधाएं मिल सकती हैं। लेकिन कई बार इस धन से कई समस्याअों का सामना करना पड़ सकता है। व्यक्ति को अपने धन की जानकारी कम लोगों को देनी चाहिए। कई लोग धन के लालच में अापको नुक्सान पहुंचा सकते हैं। 

व्यक्ति को अपनी आयु हर किसी को नहीं बतानी चाहिए। शुक्रनीति के अनुसार आयु को जितना गुप्त रखा जाए उतना ही अच्छा होता है। आयु का पता चलने पर विरोधी समय आने पर इसका प्रयोग अपके खिलाफ कर सकते हैं। 

गृह दोषों के कारण कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अपने गृहदोषों का जिक्र सब के सामने नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। 

डॉक्टर को मरीज की हर निजी बात का पता होता है। आपका शत्रु डॉक्टर की सहायता से अापके लिए परेशानी का कारण बन सकता है। इसलिए अपने डॉक्टर की जानकारी हर किसी को नहीं बतानी चाहिए। 

कामक्रीड़ा की बातें पति अौर पत्नी के मध्य ही रहनी चाहिए। इस बात को गुप्त रखना ही अच्छा होता है। पति-पत्नी के मध्य की बातें किसी अोर को पता लगे तो वह परेशानी अौर शर्म का कारण बन सकती है।  

दान को गुप्त तरीके से किया जाए तभी उसका पुण्य मिलता है। जो लोग दिखावे अौर दूसरे लोगों में महानता पाने के लिए दान का दिखावा करता है उनके पुण्य कर्म नष्ट हो जाते हैं। वैसे भी दान इस प्रकार करना चाहिए कि दूसरे हाथ को भी पता न चले।


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