पूर्व जन्म में किए गए पाप काटने का आज बना है शुभ योग

punjabkesari.in Friday, Aug 18, 2017 - 09:02 AM (IST)

आज अन्नदा एवं अजा एकादशी के साथ-साथ वत्स द्वादशी का शुभ योग बना है। इस दिन देवी लक्ष्मी और श्री हरि विष्णु के पूजन का विधान है। शुक्रवार होने के कारण इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। सदियों पूर्व राजा हरिश्चंद्र ने इस व्रत का पालन करके अपना खोया हुआ राज-पाठ वापिस पाया था। पौराणिक मतानुसार जो व्यक्ति श्रद्घापूर्वक इस एकादशी का व्रत-पूजन करता है उसके पूर्व जन्म के पाप कटते हैं, अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त होता है और हर तरह की सुख-समृद्घि प्राप्त होती है।


गाय और बछड़ों का पूजन करने के बाद उन्हें गुड़ और घास खिलाएं।


पीपल को जल अर्पित करने से सभी तरह के कर्जों से मुक्ति मिलती है। अर्थिक पक्ष मजबूत होता है।


भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं।


मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु को गुलाब के फूलों की माला पहनाएं।


गीता का पाठ करें।


रात्रि जागरण करना अक्षय पुण्य प्रदान करता है।


द्वादशी के दिन बैंगन नहीं खाएं।


गाय का दूध और उससे बने खाद्य पदार्थों का उपयोग नहीं करें।


सुहागन महिलाओं को 16 श्रृंगार का सामान भेंट करें साथ में फल भी दें।


धन लाभ के लिए दक्षिणावर्ती शंख का पूजन करें।


तुलसी की माला से 'ऊं नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप करें।


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