संत निरंकारी मिशन में आज मनाया जाएगा मुक्ति पर्व

punjabkesari.in Tuesday, Aug 15, 2017 - 10:18 AM (IST)

मुक्ति पर्व समागम प्रतिवर्ष 15 अगस्त को आयोजित किया जाता है। इस दिन जहां देश में राजनीतिक स्वतंत्रता का आनंद प्राप्त हो रहा होता है वहीं संत निरंकारी मिशन इस आनंद में आत्मिक स्वतंत्रता से प्राप्त होने वाले आनंद को भी सम्मिलित कर ‘मुक्ति पर्व’ मनाता है। मिशन का मानना है कि जहां राजनीतिक स्वतंत्रता सामाजिक तथा आर्थिक उन्नति के लिए अनिवार्य है, वहीं आत्मिक स्वतंत्रता भी शांति और शाश्वत आनंद के लिए आवश्यक है।


आरंभ में यह समागम शहंशाह बाबा अवतार सिंह जी की धर्मपत्नी जगतमाता बुद्धवंती जी, जो वर्ष 1964 में इसी दिन ब्रह्मलीन हुई थीं, की याद में मनाया जाता था। बाद में जब शहंशाह बाबा अवतार सिंह जी 17 सितम्बर 1969 को ब्रह्मलीन हुए तो यह दिन शहंशाह-जगतमाता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा और श्रद्धालु भक्त उनके प्रति भी आभार प्रकट करने लगे। परंतु जब संत निरंकारी मंडल के प्रथम प्रधान लाभ सिंह जी ने 15 अगस्त 1979 को यह नश्वर शरीर त्यागा तो बाबा गुरबचन सिंह जी ने इस दिन को ‘मुक्ति पर्व’ का नाम दिया। आजकल मुक्ति पर्व देश व दूर देशों के कोने-कोने में उन महापुरुषों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मनाया जाता है जो मिशन के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए जीवन पर्यन्त समर्पित रहे। वर्ष 2015 से निरंकारी राजमाता जी और 2016 से बाबा हरदेव सिंह जी के नाम भी जुड़ गए।


इसी बीच संत निरंकारी सेवादल ने मुक्ति पर्व के साथ इसे गुरु पूजा दिवस के रूप में भी मनाना आरंभ कर दिया। सेवादल के भाई-बहन तन सेतो वर्ष भर साध-संगत तथा सद्गुरु की सेवा करते ही हैं, परंतु गुरु पूजा दिवस पर धन से भी सद्गुरु से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह सेवा देश भर से आती है परंतु इसे सद्गुरु के चरणों में केवल दिल्ली में ही अर्पित किया जाता है। इस अवसर को और सुंदरता प्रदान करने के लिए सेवादल रैली होती है और उसके साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया जाता है।   


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