गधे की सवारी करता था रावण, पढ़ें दिलचस्प जानकारी जो कम ही लोग जानते हैं!

punjabkesari.in Wednesday, Mar 22, 2017 - 01:08 PM (IST)

दशानन ने अपने तप से न केवल ब्रह्मा और शिव को प्रसन्न किया बल्कि वह वेदों का ज्ञाता भी था परंतु उस प्रकांड ज्ञानी के सारे गुण उसके अहंकार के आगे गौण होकर उसके अंत का कारण बने। आइए जानें, लंकापति रावण से संबंधित कुछ रहस्यमयी बातें। रावण को रंभा नामक अप्सरा से श्राप मिला था कि वह किसी भी स्त्री से उसकी मर्जी के बिना संबंध बनाएगा तो उसके सिर के टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे अौर उसकी मृत्यु हो जाएगी। जिसके कारण रावण ने कभी भी माता सीता के साथ बल का प्रयोग नहीं किया।  

 
रावण एक ऋषि पिता अौर राक्षसी माता का पुत्र था। जन्म के समय रावण बहुत डरावना था। इनके पिता प्रथम बार देखने पर डर गए थे।  

 
वाल्मीकि रामायण में वर्णन है कि रावण के रथ में घोड़े नहीं अपितु गधे जुते हुए थे। 

 
कहा जाता है कि रावण ने देवलोक की विजय के पश्चात यमलोक में आक्रमण किया था। ब्रह्मा जी के वरदान के कारण रावण ने यमराज को पराजित करके यमलोक में विजय प्राप्त की थी अौर नर्क भोग रही आत्माअों को अपनी सेना में सम्मिलित कर लिया था।
 
 
धन के देवता कुबेर रावण के सौतेले भाई थे। रावण ने कुबेर से युद्ध करके लंका पर अधिकार कर लिया था। रावण ने कुबेर के सिर पर प्रहार करके उसे घायल कर दिया और ताकत से उसका पुष्पक विमान ले लिया था।

 
रावण ज्योतिष का बहुत ज्ञान था। उन्होंने अपने पुत्र को अजय बनाने हेतु नवग्रहों को आदेश दिया था कि वह मेघनाथ की कंडंली में सही बैठें। शनिदेव ने जब उनकी बात नहीं मानी तो रावण ने उन्हें बंदी बना लिया था। 

 
रावण के दरबार से बाहर सभी देवता अौर द‌िग्पाल हाथ जोड़कर खड़े रहते थे। हनुमान जी जब लंका गए थे तो उन्होंने उन्हें रावण के बंधन से मुक्ति दिलाई थी। 

 
रावण की अशोक वाटिका में एक लाख से अधिक अशोक के वृक्ष थे। इसके अतिरिक्त  द‌िव्य पुष्प और फलों के पेड़ भी थे। कहा जाता है कि यहीं से राम भक्त हनुमान आम लेकर भारत आए थे।   

 
रावण की नाभि में अमृत था जिसके कारण उसका एक सिर कटने के पश्चात दूसरा सिर आ जाता था अौर वह जीवित हो जाता था। 


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