पावरफुल माना गया है ये मंत्र, साधारण व्यक्ति को बनाता है अनंत शक्तियों का स्वामी

punjabkesari.in Tuesday, Mar 21, 2017 - 07:47 AM (IST)

शास्त्रों में कहा गया है जगत पिता ब्रह्मा को आकाशवाणी से गायत्री मंत्र की प्राप्ति हुई थी। इस मंत्र की साधना के बाद उन्हें सृष्टि निर्माण की शक्ति प्राप्त हुई थी। गायत्री की विवेचना के रूप में ब्रह्मा जी ने चार वेदों की रचना करी। तभी तो देवी गायत्री को वेदमाता कह कर संबोधित किया जाता है। गायत्री सबसे बड़ा मंत्र है। उससे बड़ा और कोई मंत्र नहीं है। गायत्री का एक-एक अक्षर एक-एक धर्म शास्त्र है। इन अक्षरों की व्याख्या स्वरुप ब्रह्मा जी ने चारों वेदों की रचना की और उनका अर्थ बताने के लिए ऋषियों ने अन्य धर्म-ग्रंथ बनाए। संसार में जितना भी ज्ञान-विज्ञान है वह बीज रूप में इन अक्षरों में भरा हुआ है।


गायत्री के अक्षरों का आपसी गुंथन, स्वर-विज्ञान और शब्द शास्त्र ऐसे रहस्यमय आधार पर हुआ है कि उसके उच्चारण मात्र से सूक्ष्म शरीर में छिपे हुए अनेक शक्ति-केन्द्र अपने आप जागृत होते हैं। सूक्ष्म देह के अंग-प्रत्यंगों में अनेक चक्र-उपचक्र , ग्रंथियां, मातृकाएं, उपत्यकाएं, भ्रमर मेरु आदि ऐसे गुप्त संस्थान होते हैं जिनका विकास होने से साधारण सा मनुष्य प्राणी अनंत शक्तियों का स्वामी बन सकता है।


गायत्री मंत्र: ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेन्यं । भर्गो देवस्य धीमहि, धीयो यो न: प्रचोदयात्

 

गायत्री मंत्र का अर्थ : सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, वह परमात्मा का तेज हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।


मां गायत्री के गायत्री मंत्र का जाप करने से 24 देवीय शक्तियों की शक्ति व भक्ति का फल और आशीर्वाद प्राप्त होता है। इससे सांसारिक जीवन में सुख, सफलता व शांति मिलती है। ब्रह्ममुहूर्त में और रात को सोने से पहले गायत्री मंत्र का जाप करने से दुष्ट, राक्षस, अग्नि, सांप, हवा, पानी आदि का भय नहीं रहता। इससे अकाल मृत्यु और समस्त संतापों से मुक्ति मिलती है। शास्त्र कहते हैं, शुद्ध वचन और कर्म से जाप करने पर शारीरिक, भौतिक और आध्यात्मिक बाधाएं नष्ट हो जाती हैं। महाभारत के एक प्रसंग  अनुसार, भीष्म पितामह जब मृत्यु शैय्या पर थे तो उन्होंने  युधिष्ठिर से कहा जो व्यक्ति गायत्री मंत्र का जाप करता है, उसे कभी भी धन, पुत्र, घर आदि भौतिक चीजों की समस्या नहीं होती। 


उपरोक्त लिखित कामनाओं की पूर्ति होती है इसलिए इसे बहुत शुभ व असरदार मंत्र माना गया है।


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