मरने के बाद धन नहीं इन बातों को किया जाता है याद

punjabkesari.in Wednesday, Feb 22, 2017 - 03:45 PM (IST)

संत इब्राहिम की ईमानदारी के चर्चे उन दिनों हर किसी की जुबां पर थे। लोग इब्राहिम के पास अपनी तमाम समस्याएं लेकर आते और उनका निराकरण करा वापस घर लौट जाते थे। एक दिन एक धनी व्यक्ति संत के पास आया और उन्हें बहुत सारा धन दान देने की इच्छा जाहिर की लेकिन संत को उस व्यक्ति के व्यवहार में अहंकार नजर आया।

 

संत उस व्यक्ति से बोले, ‘‘मेरे पास धन की कमी नहीं।’’ संत ने आगे कहा, ‘मान लेते हैं कि तुम्हारे पास धन के कई भंडार भरे हुए हैं लेकिन तुम्हारी दौलत पाने की इच्छा कभी खत्म नहीं होगी।

 

ऐसे में तुमसे गरीब इस समय कौन है। इसलिए यह धन अपने पास ही रखो। यह सब सुनकर वह शर्मिदा हो गया। उसने अपने बर्ताव के लिए क्षमा मांगी।

 

तब संत इब्राहिम ने उससे कहा, ‘सच्चे मन से मनुष्य की सेवा करना ही सबसे बड़ा धन है और इसे ही हम परोपकार कहते हैं। परोपकार के लिए पेड़ फल देते हैं। परोपकार के लिए ही नदियां बहती हैं। परोपकार एक ऐसा गुण है जो धन से भी बड़ा माना जाता  है।  धन तो आपके मरने के बाद चला जाएगा लेकिन हमारे द्वारा किए गए परोपकारी कार्य मरने के बाद भी याद किए जाते रहेंगे।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News