7 अगस्त को पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण का योग, सूर्यास्त पर न करें ये काम

punjabkesari.in Thursday, Aug 03, 2017 - 10:29 AM (IST)

7 अगस्त सोमवार को रक्षा बंधन के शुभ अवसर पर पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण का योग बन रहा है। जिससे सारा दिन सूतक का प्रभाव रहेगा। चंद्रग्रहण तब लगता है, जब चंद्रमा पेनुम्ब्रा (ग्रहण के वक्त धरती की परछाई का हल्का भाग) से होकर गुजरता है। इस समय चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी आंशिक तौर पर कटी प्रतीत होती है और ग्रहण को चंद्रमा पर पडऩे वाली धुंधली परछाई के रूप में देखा जा सकता है। शास्त्र कहते हैं इस दौरान कुछ निर्देशों का पालन जरूर करना चाहिए। 


ग्रहण के दौरान सोने से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। शास्त्रों के अनुसार केवल बीमार, वृद्ध और गर्भवती महिलाएं ही दिन में या शाम को सो सकती हैं। 


मान्यता है की शाम के समय देवी-देवता पृथ्वी का भ्रमण करते हैं। जिन घरों में ग्रहण के समय ईश आराधना हो रही होती है, उन घरों को उनका आर्शीवाद प्राप्त होता है। चंद्र ग्रहण के प्रभाव के चलते मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे, इस दौरान पूजा-पाठ नहीं होगा। जब सूतक आरंभ हो जाता है तो केवल मंत्रों का जाप किया जा सकता है। इस दौरान किसी भी तरह का शुभ काम नहीं होता। 


शरीर के किसी भी अंग पर तेल न लगाएं, त्वचा संबंधी रोग होने का खतरा रहता है।


दंपति को एक-दूसरे से दूरी बनाकर रखनी चाहिए, ब्रह्मचार्य का पालन करना चाहिए। ग्रहणकाल में यदि गर्भ ठहर जाए तो उससे पैदा होने वाली संतान में शारीरिक या मानसिक विकार रहते हैं। जिसका इलाज कर पाना मैडिकल सांइस के लिए भी संभव नहीं है।


ग्रहण के वक्त कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए। पके भोजन को ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचाने के लिए उस में तुलसी के पत्ते डाल दें। 


ग्रहण के बाद स्नान करके अपनी क्षमता अनुसार दान-पुण्य करें।


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