घर-दुकान में लगाएं इस रंग का ताला, बढ़ेंगे सुख

punjabkesari.in Thursday, Feb 01, 2018 - 02:24 PM (IST)

ताला और चाबी घर-दुकान आदि की सुरक्षा के लिए अधिक महत्वपूर्ण वस्तु माने जाते हैं। हमारी कीमती चीजों की संभाल के लिए अकस्र हम ताला-चाबी का इस्तेमान करते हैं। घर अादि में लगे ये ताले हमारे भीतर भी सुरक्षा की भावना पैदा करते हैं। लेकिन इन तालों-चाबी को वास्तु में बहुत महत्व रखता है। इसके बारें में शायद ही किसी को पता होगा। वास्तुशास्त्र में ताले को लेकर कई नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन करने से घर की सुरक्षा बढ़ती है और किसी भी प्रकार की चोरी अथवा नुकसान की संभावना कम होती है।

 

घर में हमेशा दिशाओं को ध्यान में रखते हुए ताले लगाने चाहिए। पूर्व को सूर्य का स्थान माना जाता है इसलिए इस दिशा में हमेशा तांबे के ताले ही लगाएं। इससे घर की सुरक्षा बढ़ती है और चोरी का भय कम हो जाता है। 

 

पश्चिम दिशा को शनि का स्थान माना जाता है, इस दिशा में हमेशा लोहे के भारी और मजबूत ताले लगाने चाहिए। साथ ही पश्चिम दिशा में लगाए गए ताले का रंग भी काला हो, तो चोरी का खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है। इस दिशा में भूल कर भी तांबे के ताले नहीं लगाने चाहिए।

 

वास्तु के मुताबिक, उत्तर में पीतल के ताले लगाने से सुरक्षा बढ़ती है। यदि इस दिशा में धातु के ताले लगाएं जाएं तो ध्यान रहे कि ताले का रंग सुनहरा हो। इस दिशा में बड़े कारखाने या शोरूम में लगने वाले तालों की संख्या यदि पांच हो, तो चोरी और नुकसान की संभावना कम होती है। दक्षिण दिशा में पांच धातु के ताले लगाने या भारी ताले लगाने से सुरक्षा बढ़ती है। यदि पांच धातु के ताले नहीं हैं, तो ताले पर लाल या चेरी रंग चढ़ा कर लगा सकते हैं।

 

​यदि घर, दुकान या मकान उत्तर-पूर्व मुखी है, तो पीले रंग का ताला लगाना चाहिए। पश्चिम-पूर्व में भी लाल या चेरी रंग के ताले लगाने चाहिए। दक्षिण-पश्चिम दिशा में राहू का स्थान होता है और चोरी का ज्यादा खतरा भी यहीं होता है। यहां पर हमेशा भारी और भूरे रंग के ताले ही लगाने चाहिए। 

 

उत्तर-पश्चिम दिशा में लगने वाले ताले चांदी के रंग के होने से सुरक्षा बढ़ती है। इसके अलावा छत पर लगने वाले ताले नीले या आसमानी रंग के हों तो बेहतर है। इसकी संख्या दो से ज्यादा होनी चाहिए। बेसमेंट में चमकीले रंग के ताले लगाएं और इसकी संख्या भी एक से ज्यादा होनी चाहिए।

 

तालों से संबंधित एक अन्य बात जो अत्यंत ध्यान वाली है, वह यह है कि तालों और कब्जों से आवाज नहीं आनी चाहिए। समय-समय पर इसमें तेल डालते रहना चाहिए। इसके अलावा बिन चाबी के तालों को घर में बिल्कुल ही नहीं रखना चाहिए। ऐसे तालों को फौरन घर से बाहर कर देना चाहिए, लेकिन तालों को बाहर करते समय ध्यान रखें कि ताले बंद न हों। घर के मंदिर, देव स्थान या पूजा-स्थल पर कभी ताला न लगाएं। 

 

इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि तालों से आवाज नहीं आएं। इस के लिए समय-समय पर इसमें तेल डालते रहने रहना चाहिए। दिशाओं के अनुरूप लगाए गए तालों से एक तरफ जहां घर की सुरक्षा बढ़ती है और चोरी का भय कम हो जाता है। वहीं दूसरी तरफ घर में सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होने के साथ ही सुख-समृद्धि आती है। 


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