जीवनकाल में अवश्य कमाएं 2 तरह की दौलत, मरणोपरांत भी देगी साथ

punjabkesari.in Saturday, Sep 02, 2017 - 10:03 AM (IST)

सऊदी अरब में बुखारी नामक एक विद्वान रहते थे। वह अपनी ईमानदारी के लिए मशहूर थे। एक बार वह समुद्री जहाज से लंबी यात्रा पर निकले। उन्होंने सफर के खर्च के लिए एक हजार दीनार अपनी पोटली में बांधकर रख लिए। यात्रा के दौरान बुखारी की पहचान दूसरे यात्रियों से हुई। बुखारी उन्हें ज्ञान की बातें बताते।


एक यात्री से उनकी नजदीकियां कुछ ज्यादा बढ़ गईं। एक दिन बातों-बातों में बुखारी ने उसे दीनार की पोटली दिखा दी। उस यात्री को लालच आ गया। उसने उनकी पोटली हथियाने की योजना बनाई। एक सुबह उसने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया, ‘‘हाय मैं लुट गया। मेरा एक हजार दीनार चोरी हो गया।’’ 


वह रोने लगा। जहाज के कर्मचारियों ने कहा, ‘‘तुम घबराते क्यों हो जिसने चोरी की होगी वह यहीं होगा। हम एक-एक की तलाशी लेते हैं। वह पकड़ा जाएगा।’’


यात्रियों की तलाशी शुरू हुई। जब बुखारी की बारी आई तो जहाज के कर्मचारियों और यात्रियों ने उनसे कहा, ‘‘अरे साहब, आपकी क्या तलाशी ली जाए। आप पर तो शक करना ही गुनाह है।’’ 


यह सुनकर बुखारी बोले, ‘‘नहीं, जिसके दीनार चोरी हुए हैं उसके दिल में शक बना रहेगा। इसलिए मेरी भी तलाशी ली जाए।’’ 


बुखारी की तलाशी ली गई। उनके पास से कुछ नहीं मिला। 2 दिन बाद उसी यात्री ने उदास मन से बुखारी से पूछा, ‘‘आपके पास तो एक हजार दीनार थे, वे कहां गए’’। 


बुखारी ने मुस्कुरा कर कहा, ‘‘उन्हें मैंने समुद्र में फैंक दिया। तुम जानना चाहते हो क्यों? क्योंकि मैंने जीवन में 2 ही दौलत कमाई थीं। एक ईमानदारी और दूसरा लोगों का विश्वास। अगर मेरे पास से दीनार बरामद होते और मैं लोगों से कहता कि ये मेरे हैं तो लोग यकीन भी कर लेते लेकिन फिर भी मेरी ईमानदारी और सच्चाई पर लोगों का शक बना रहता। मैं दौलत तो गंवा सकता हूं लेकिन ईमानदारी और सच्चाई को खोना नहीं चाहता।


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