अजब-गजब परंपरा: नवमी तिथि तक यहां पुरुषों का प्रवेश होता है निषेध

punjabkesari.in Monday, Sep 25, 2017 - 02:48 PM (IST)

छत्तीसगढ़ के बस्तर दशहरा पर्व के दौरान जगदलपुर स्थित मावली मंदिर में नौ दिन तक ऐसा अनुष्ठान किया जाता है, जिसमें पुरुषों का प्रवेश निषेध होता है। इस दौरान दो समाजों की 12 विवाहित महिलाएं गौरा-गौरी (शंकर-पार्वती) की विधिपूर्वक पूजा करती हैं। नौ दिनों के अनुष्ठान के बाद महिलाओं द्वारा स्थापित कलश व प्रतिमा का नवमी तिथि को विसर्जन किया जाता है। 

बस्तर में रियासत काल से दशहरा पर्व व नवरात्र के दौरान गौरा-गौरी पूजा की परंपरा है। उस समय 12 जातियों की विवाहित महिलाओं को पूजा-अनुष्ठान की जिम्मेदारी दी गई थी। वर्तमान में धाकड़ व यादव समाज की 12 महिलाओं द्वारा इस परपंरा का निर्वहन किया जा रहा है। रियासत काल से महिलाएं विसर्जन के बाद प्रसाद लेकर महल पहुंचती थीं और रानी को प्रसाद दिया जाता था। रानी की ओर से व्रतधारी महिलाओं को सुहाग सामग्री, वस्त्र व अन्य प्रकार का उपहार प्रदान किया जाता था।
 


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