महिलाएं इन बातों का रखें ध्यान वरना दोनों कुलों का होगा नाश

punjabkesari.in Saturday, Jun 17, 2017 - 03:48 PM (IST)

स्त्री घर की लक्ष्मी होती है। विवाह से पहले पिता व बाद में पति के घर का सम्मान बनाए रखना स्त्री का कर्त्तव्य होता है। स्त्री को ऐसे कार्य नहीं करने चाहिए जिससे समाज व परिवार में उसका अपमान हो। मनु स्मृति में स्त्रियों से संबंधित अनेक नियम बताए गए हैं, जिनका ध्यान रखने से वह दोनों कुलों को बर्बादी से बचा सकती है। 

पानं दुर्जनसंसर्गः पत्या च विरहोटनम्।
स्वप्नोन्यगेहेवासश्च नारीणां दूषणानि षट्।।

पति से अलग रहना

ग्रंथों में माना गया है कि बचपन में स्त्री की रक्षा उसका पिता, जवानी में पति अौर बुढ़ापे में पुत्र करता है। स्त्री को शादी के बाद हर स्थिति में अपने पति का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। जो स्त्री पति से अगल हरकर अपनी मर्जी से कार्य करती है। उसका असर उसके बच्चों पर भी पड़ता है। जिससे उनमें भी इस प्रकार की बुरी आदतें आ जाती हैं, जिससे उनका भविष्य संकट में पड़ सकता है। इसलिए स्त्रियों को पति के साथ ही रहना चाहिए।   

मदिरा पान
स्त्रियों को शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। शराब के सेवन से अच्छे-बुरे की समझ नहीं रहती। जिसके कारण वे कई बार मर्यादाहीन आचरण कर बैठती हैं। इसके अतिरिक्त शराब का सेवन करने वाली महिला को समाज में भी सम्मान नहीं मिलता। उन्हें समाज अौर परिवार में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। इसलिए शराब का सेवन केवल महिला ही नहीं अपितु पुरुषों को भी नहीं करना चाहिए। 

दुष्ट पुरुष से बनाकर रखें दूरी
महिलाअों को दुष्ट पुरुषों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। यदि वे ऐसा नहीं करती तो उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। दुष्ट लोग स्त्री का उपयोग अपने निजी हित के लिए कर सकते हैं। इसके अलावा दुष्ट पुरुष की संगति में रहकर उसका स्वभाव भी वैसा ही हो सकता है। ऐसी स्त्रियों को समाज अौर परिवार स्वीकार नहीं करता है। ऐसी स्थितियों से बचने के लिए महिलाअों से दुष्ट पुरुषों से मेल-जोल नहीं रखना चाहिए। 

व्यर्थ में इधर-उधर घूमना
जो स्त्रियां बिना किसी कार्य से इधर-उधर गूमती रहती हैं वे किसी का कहना नहीं मानती। वे सामाजिक व पारिवारिक बंधनों को नहीं मानती। जिसके कारण उनके चरित्र में दोष आ जाते हैं। जिसके कारण वह अौर अधिक आजाद हो जाती हैं अौर उन्हें किसी बात का डर नहीं रहता। विवाहित स्त्री ऐसा कार्य करे तो इससे दोनों कुलों के सम्मान में कमी आती है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए महिलाअों को बिना बात के इधर-उधर नहीं घूमना चाहिए। 
 
असमय व देर तक सोना
बहू घर की लक्ष्मी होती है। उसे सुबह शीघ्र उठना चाहिए। स्त्रियों के असमय अौर देर तक सोने से घर में कलेश की स्थिति बनती है। देर तक सोने से वे पारिवारिक जिम्मेदारी पूर्ण नहीं कर पाती। जिसके कारण परिवार वालों में असंतोष पैदा होता है। जिसका असर दांपत्य जीवन में भी पड़ता है। असमय अौर देर तक सोने से महिलाअों को शारीरिक दोष भी उत्पन्न होते हैं। इसलिए महिलाअों को असमय व अधिक देर सोने से बचना चाहिए। 

दूसरे के घर में रहना
लड़की पिता के बाद पति के घर में रहती है। पति के घर में कैसी भी परिस्थिति है उसे वहीं रहना चाहिए। यही पत्नी का धर्म होता है। अपने घर की परिस्थितियों से तंग आकर रिश्तेदारों के घर में अधिक समय तक रहना स्त्रियों के लिए अनुचित नहीं है। मनु स्मृति के अनुसार पिता व पति के अतिरिक्त किसी अौर के घर में रहने से स्त्री के चरित्र में दोष आने का संभावना रहती है। अत: स्त्रियों को अधिक समय तक दूसरों के घर में नहीं रहना चाहिए। 


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