महाशिवरात्रि: अपने मन की इच्छा के अनुसार करें मंत्रों का जाप, पूरे होंगे सभी काम

punjabkesari.in Monday, Feb 12, 2018 - 10:13 AM (IST)

महाशिवरात्रि के चार पहरों में चार बार पृथक-पृथक पूजा का विधान भी शास्त्रों में बतलाया गया है। चंदन, पुष्प, बिल्व पत्र, धूप-दीप, नैवेद्य, सुगंध, पंचामृत (दूध, दही, घी, शक्कर व शहद) पंचानंद आदि द्वारा चारों पहरों की पूजा करनी चाहिए। पूजन के साथ-साथ मंत्र जाप भी किया जाए तो देवों के देव महादेव जल्दी प्रसन्न होते हैं। अपने मन की इच्छा के अनुसार करें मंत्रों का जाप, पूरे होंगे सभी काम 


महाशिवरात्रि पर करें कालसर्प या राहू योग का निवारण
चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा, हलवा, सरसों का तेल, काला सफेद कंबल शिवलिंग पर अर्पित करें। महामृत्युंजय मंत्र की कम से कम, एक माला 108 मंत्र अवश्य पढ़ें।


मुख्य मंत्र 
ओम् नम: शिवाय
ओम् नमो वासुदेवाय नम:
ओम् राहुवे नम:


महामृत्युंजय मंत्र    
ओम् त्रयंम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनं!
उर्वारुकमिव  बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात!!


महाशिवरात्रि पर विभिन्न समस्याओं के लिए मंत्र 
आय वृद्धि : शं हृीं शं !!


विवाह : ओम्  ऐं हृी शिव गौरी मव हृीं ऐं ओम् !


शत्रु : ओम्  मं शिव स्वरुपाय फट्!


रोग : ओम् हैं सदा शिवाय रोग मुक्ताय हैं फट्!


साढ़े साती : हृीं ओम् नम: शिवाय हृीं!


मुकद्दमा : ओम् क्रीं नम:  शिवाय क्रीं!


परीक्षा : ओम् ऐं  गे ऐं ओम् !


बिगड़ी संतान : ओम् गं ऐं ओम् नम: शिवाय ओम् !


विदेश यात्रा : ओम् अनंग वल्लभाये विदेश गमनाय कार्यसिद्धयर्थे नम:!


सुख सम्पदा : ओम् हृौं शिवाय शिवपराय फट्!


शत्रु विजय : ओम् जूं स: पालय पालय स: जूं ओम!


रोजगार प्राप्ति : ओम् शं हृीं शं हृीं शं हृीं शं हृीं ओम्!


प्रेम प्राप्ति: ओम् हृीं ग्लौं अमुकं सम्मोहय सम्मोहय फट्!


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Niyati Bhandari

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